कठुआ केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पंजाब के पठानकोट में होगी सुनवाई

कठुआ केस में जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वो राज्‍य में मामले के निष्‍पक्ष ट्रायल के लिए तैयार है।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Mon, 07 May 2018 09:53 AM (IST) Updated:Mon, 07 May 2018 05:37 PM (IST)
कठुआ केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पंजाब के पठानकोट में होगी सुनवाई
कठुआ केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पंजाब के पठानकोट में होगी सुनवाई

नई दिल्‍ली (एएनआइ)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कठुआ केस का स्‍थानांतरण पठानकोट की अदालत में कर दिया है। अब मामले की सुनवाई पंजाब में ही होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच से इनकार करते हुए जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार को अनुमति दी कि पठानकोर्ट की अदालत में वे पब्‍लिक प्रॉसिक्‍यूटर नियुक्‍त कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार से पीड़ित परिवार, उनके वकील व गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पठानकोट में अगली सुनवाई 9 जुलाई को है।

बता दें कि पीड़िता के पिता ने केस की सुनवाई चंडीगढ़ कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी। वहीं आरोपियों ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप जाने की अपील की थी। इन दोनों याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठने सुनवाई की।

बता दें कि कठुआ केस में जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वो राज्‍य में मामले के निष्‍पक्ष ट्रायल के लिए तैयार है। जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार ने किसी अन्‍य राज्‍य में मामले के ट्रांसफर का विरोध भी किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पर राज्‍य के विरोध का कोई असर देखने को नहीं मिला।

इससे पहले संभावना जताइ जा रही थी कि सीबीआइ को यह केस सौंपा जा सकता है। साथ ही कोर्ट मामले की सुनवाई चंडीगढ़ स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिकाओं पर भी विचार कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 26 अप्रैल को मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान बेंच ने कहा था कि अगर उन्हें कहीं भी ऐसा लगा कि मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है तो वो केस को ट्रांसफर करने में देर नहीं लगाएगी। उसके बाद कोर्ट ने 7 मई तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित करने का आदेश दिया था।

क्या है कठुआ मामला

कठुआ की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था। जिसके बाद बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था। सरकार ने 23 जनवरी को मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी थी। अपराध शाखा ने विशेष जांच दल गठित किया जिसने दो विशेष पुलिस अधिकारियों और एक हेड कांस्टेबल समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। 

गौरतलब है कि कठुआ मामले के दो मुख्य आरोपियों ने 4 मई को सुप्रीम कोर्ट से मामले की सीबीआइ से जांच करने का आग्रह किया था। आरोपियों ने मुकदमे को चंडीगढ़ ट्रांसफर किए जाने की याचिका का भी विरोध किया था। उन्होंने दलील दी है कि मामले में 221 गवाह हैं और चंडीगढ़ जाकर अदालती कार्यवाही में शामिल होना उनके लिए मुश्किल होगा। आरोपियों का कहना है कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है।

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