पेगासस जासूसी कांड पर सोमवार तक टली सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सभी को मिलेगा मौका

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा था कि अगर इसके बारे में मीडिया रिपोर्टें सही हैं तो जासूसी के आरोप गंभीर हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 08:56 AM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 11:28 AM (IST)
पेगासस जासूसी कांड पर सोमवार तक टली सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सभी को मिलेगा मौका
सीजेआई से केंद्र को नोटिस जारी करने की गुहार।

नई दिल्ली, एजेंसियां। पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार तक सुनवाई टल गई है। मंगलवार को हुई सुनावई के दौरान सीजेआई एनवी रमना ने याचिकाकर्ताओं और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि जो लोग कोर्ट आए हैं वे कोर्ट में पूछे सवालों का जवाब दें। कोर्ट में डिबेट करें। मीडिया सोशल मीडिया पर समानांतर डिबेट ना करें। वे सोशलमीडिया पर बहस करना चाहते हैं तो ये उनपर है, लेकिन उन्हे कोर्ट पर भरोसा रखना चाहिए।

इससे पहले गुरुवार को मामले में अहम सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा था कि अगर इसके बारे में मीडिया रिपोर्टें सही हैं तो जासूसी के आरोप गंभीर हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने मामले को गंभीर बताते हुए सीजेआई से गुहार लगाई कि केंद्र को नोटिस जारी किया जाए।

A three-judge bench of Supreme Court Bench headed by CJI NV Ramana starts hearing a batch of petitions seeking a court-monitored probe into the reports of government allegedly using Israeli software Pegasus to spy on politicians, activists, and journalists. pic.twitter.com/qNy6BV619a

— ANI (@ANI) August 10, 2021

इससे पहले पेगासस जासूसी मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर अखबार में आई खबर सही है तो मामला गंभीर है, लेकिन साथ ही सवाल उठाया कि जब मामले का पता 2019 में लग गया था तो अब तक शिकायत क्यों नहीं की और अब इसे क्यों उठाया जा रहा है? कोर्ट ने यह भी कहा था कि ज्यादातर याचिकाएं मीडिया रिपोर्ट पर आधारित हैं। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए विचार करने का मन तो बनाया, लेकिन याचिकाओं पर औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया।

इस दौरान कोर्ट ने मामले को 10 अगस्त को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश देते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वे याचिका की प्रति एडवांस में केंद्र सरकार को दें, ताकि उस दिन नोटिस स्वीकार करने के लिए सरकार की ओर से कोई मौजूद हो। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन. राम, भाकपा सांसद जान ब्रिटास, एडीटर्स गिल्ड आफ इंडिया समेत कुछ अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह निजता के हनन को गंभीर मानती है, लेकिन कुछ सवाल हैं।

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