Citizenship Amendment Act: 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

चीफ जस्टिस एसए बोबडे जस्टिस एक अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ सीएए से संबंधित 144 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 09:47 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 07:24 AM (IST)
Citizenship Amendment Act: 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई
Citizenship Amendment Act: 144 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

नई दिल्ली, जेएनएन। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता परखने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की पीठ ने केंद्र को विभिन्न याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था। पीठ संभवत: 144 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

इनमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) और कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिकाएं भी शामिल हैं। मुस्लिम लीग ने अपनी याचिका में कहा है कि सीएए समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। यह अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को नागरिकता देता है, जबकि धर्म के नाम पर कुछ लोगों को नागरिकता देने से वंचित करता है। इसने सीएए पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सीएए भारतीय संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी दी थी, जिससे यह कानून बन गया था।

#CAA से संबंधित कुल 144 याचिकाएं कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लगी हैं। ज्यादातर मे कानून को चुनौती दी गई है। कुछ याचिकाएं CAA के पक्ष मे भी हैं। सुप्रीम कोर्ट कल सभी पर सुनवाई करेगा। @JagranNews

— Mala Dixit (@mdixitjagran) January 21, 2020

सीएए की संवैधानिक वैधता को इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, असम गण परिषद, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, जमायत उलेमा ए हिन्द, जयराम रमेश, महुआ मोइत्रा, देव मुखर्जी, असददुद्दीन ओवेसी, तहसीन पूनावाला व केरल सरकार सहित अन्य ने चुनौती दी है।

बता दें कि नौ जनवरी को चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह इस मामले में तभी सुनवाई करेंगे जब हिंसा रुकेगी। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है।

मालूम हो कि गत 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था। हालांकि सुपीम कोर्ट ने उस दिन अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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