ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, ‘नशे में ड्राइविंग से हुई मामूली दुर्घटना में भी नरमी की गुंजाइश नहीं’

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि शराब पीकर ड्राइविंग करने के मामले में महज इस आधार पर नरमी नहीं बरती जा सकती कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह वास्तव में सौभाग्य है कि दुर्घटना घातक नहीं थी लेकिन यह घातक हो सकती थी।

By Amit SinghEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 09:06 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 09:06 PM (IST)
ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, ‘नशे में ड्राइविंग से हुई मामूली दुर्घटना में भी नरमी की गुंजाइश नहीं’
ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त (जागरण.काम, फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एएनआइ: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि शराब पीकर ड्राइविंग करने के मामले में महज इस आधार पर नरमी नहीं बरती जा सकती कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह वास्तव में सौभाग्य है कि दुर्घटना घातक नहीं थी, लेकिन यह घातक हो सकती थी।

शराब पीकर वाहन चलाना अपराध

जस्टिस एम.आर. शाह और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की खंडपीठ ने कहा कि शराब पीकर वाहन चलाना सिर्फ कदाचार ही नहीं है बल्कि अपराध भी है। किसी को भी शराब पीकर वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी सकती। शराब पीकर वाहन चलाना और लोगों के जीवन से खेलना बेहद गंभीर कदाचार है। पीठ ने यह टिप्पणियां इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को निपटाते हुए की है।

याचिका के संबंध में आदेश

हाई कोर्ट ने अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा पारित कर्मचारी की बर्खास्तगी के आदेश को खारिज करने की मांग ठुकरा दी थी। इस मामले में कर्मचारी बृजेश चंद्र द्विवेदी (अब मृत) पीएसी की 12वीं बटालियन में ड्राइवर के पद पर फतेहपुर में पदस्थ था। जब वह पीएसी कर्मियों को कुंभ मेले में ड्यूटी के लिए फतेहपुर से इलाहाबाद (अब प्रयागराज) लेकर जा रहा था तो उसके ट्रक ने एक जीप के पीछे टक्कर मार दी थी। बृजेश ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुनवाई के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई। शीर्ष अदालत ने उसकी 25 साल की सेवा को ध्यान में रखते हुए बर्खास्तगी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति में बदल दिया और परिवार को कानून के मुताबिक उसकी मृत्यु और सेवानिवृत्ति के सभी लाभ देने का आदेश दिया।

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