कोरोना की दूसरी लहर में हर मौत का कारण इलाज में लापरवाही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की मांग पर विचार से किया इन्कार

पीठ ने कहा बड़ी संख्या में दूसरी लहर के दौरान मौतें हुई और कोरोना से हुई हर मौत को मेडिकल लापरवाही मान कर परिवार को मुआवजा कैसे संभव। शीर्ष अदालत ने कहा अदालत चिकित्सा लापरवाही का सामान्य अनुमान नहीं लगा सकती है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 12:54 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 07:45 PM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर में हर मौत का कारण इलाज में लापरवाही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की मांग पर विचार से किया इन्कार
कोरोना से हुई हर मौत मेडिकल लापरवाही नहीं मान सकते, मुआवजे से इनकार: सुप्रीम कोर्ट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना से मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोर्ट यह नहीं मान सकता कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हर मौत इलाज में लापरवाही या चिकित्सीय उपेक्षा के कारण हुई। इसके साथ ही अदालत ने कोरोना से हुई मौतों को इलाज में लापरवाही मानते हुए सभी को मुआवजा देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता दीपक राज ¨सह से अपने सुझाव के साथ सक्षम अथारिटी के पास जाने को कहा।

कोर्ट ने कहा कि यह मान लेना कि कोरोना से हुई हर मौत चिकित्सीय लापरवाही से हुई है, बहुत ज्यादा हो जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर का पूरे देश में बहुत ज्यादा असर रहा लेकिन हर मौत को चिकित्सीय लापरवाही से मौत नहीं माना जा सकता। कोर्ट यह नहीं मान सकता कि हर मौत चिकित्सीय लापरवाही से हुई जैसा कि आपकी याचिका में कहा गया है।

पीठ ने कोरोना से मौत पर अनुग्रह राशि तय करने के बारे में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीएमए) को दिशानिर्देश तय करने के गत 30 जून के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वह आदेश कोर्ट ने मानवता के आधार पर दिया था न कि चिकित्सीय लापरवाही के आधार पर। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा सरकार को अभी इस बारे में नीति तय करनी है, अगर नीति लागू करने को लेकर आपके कोई सुझाव हैं तो आप सक्षम अथारिटी के पास जा सकते हैं।

नेशनल टास्क फोर्स का हो चुका है गठन

 याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उसकी याचिका अलग है। इसमें इलाज में लापरवाही का मुद्दा उठाया गया है। कोर्ट ने पाया कि याचिका मई में दाखिल हुई थी उसके बाद काफी कुछ हो चुका है। पीठ ने कहा कि उन्होंने कोरोना के इलाज और इंतजाम के बारे में स्वत: संज्ञान लिया है और कोर्ट ने इस बारे में नेशनल टास्क फोर्स का गठन भी किया है। कई पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।

दूसरी लहर ने पूरे देश को किया प्रभावित

पीठ ने कहा कि दूसरी लहर ऐसी थी कि जिससे पूरा देश प्रभावित हुआ। कोर्ट इस बारे में चिकित्सीय लापरवाही को लेकर एक सामान्य अवधारणा नहीं बना सकता। कोर्ट ने याचिका निपटाते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वह याचिका को वापस ले लें और इसमें बदलाव करके अगर उनके पास कोई सुझाव हैं तो वह सक्षम अथारिटी के पास जा सकता हैं। दाखिल याचिका में आक्सीजन की कमी और जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में हुई मौतों को चिकित्सीय लापरवाही मानते हुए परिजनों को मुआवजा देने की मांग की गई थी। 

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