सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समाज में बढ़ रही है असहिष्णुता, ममता बनर्जी सरकार पर 20 लाख जुर्माना लगाया

Supreme court ने समाज में बढ़ रही असहिष्णुता पर चिंता जाहिर की है। अदालत ने व्यंग्य फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देने पर बंगाल सरकार पर 20 लाख का जुर्माना लगाया है।

By Rizwan MohammadEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 08:16 PM (IST) Updated:Thu, 11 Apr 2019 08:19 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समाज में बढ़ रही है असहिष्णुता, ममता बनर्जी सरकार पर 20 लाख जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समाज में बढ़ रही है असहिष्णुता, ममता बनर्जी सरकार पर 20 लाख जुर्माना लगाया

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने समाज में बढ़ रही असहिष्णुता पर चिंता जाहिर की है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कला का उद्देश्य समाज में सवाल उठाना है, लेकिन बढ़ती असहिष्णुता और संगठित समूह अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने व्यंग्य फिल्म 'भोबिश्योतिर भूत' की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देने पर ममता बनर्जी सरकार पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले पर कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की। अपने फैसले में कहा कि ये अधिकारियों द्वारा शक्ति का स्पष्ट दुरुपयोग है।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि हाल की घटनाओं से पता चलता है कि समाज में असहिष्णुता बढ़ रही है। समाज में दूसरों को स्वतंत्र रूप से अपने विचारों को रखने और उन्हें प्रिंट, थिएटर में या इलेक्ट्रानिक मीडिया में शेयर नहीं करने देना ही असहिष्णुता है। संगठित समूह गंभीर स्थिति पैदा कर रहे हैं।

अगर नाटककार, कलाकार, संगीतकार या अभिनेता के अधिकार को लोकप्रिय धारणाओं के कारण आजादी से पेश नहीं करने दिया जाता है तो संविधान के द्वारा दी गई विचारों की स्वतंत्रता की गारंटी को कैसे निभाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कला का असली उद्देश्य असंख्य विचारों को प्रकट करना और सवाल उठाना होता है। 

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