SC का बड़ा फैसला, निजी मेडिकल कॉलेजों की काउंसिलिंग के दाखिले रद

सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों द्वारा काउंसिलिंग को रद कर दिया है।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Fri, 23 Sep 2016 09:51 AM (IST) Updated:Fri, 23 Sep 2016 10:19 AM (IST)
SC का बड़ा फैसला,  निजी मेडिकल कॉलेजों की काउंसिलिंग के दाखिले रद

नई दिल्ली। एमबीबीएस और डेंटल में मनमाने ढंग से प्रवेश लेने वाले मध्य प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने निजी कॉलेजों द्वारा अलग-अलग कराई गई काउंसलिंग व प्रवेश रद कर दिए हैं। अब मध्य प्रदेश सरकार एक हफ्ते के भीतर नए सिरे से संयुक्त काउंसलिंग कराएगी। यह फैसला भले ही मध्य प्रदेश के मामले में दिया गया है, लेकिन सभी राज्य सरकारों और उनके यहां स्थित निजी मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगा।


न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ये आदेश निजी मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ दाखिल मध्य प्रदेश सरकार की अवमानना याचिका निपटाते हुए दिए। कोर्ट ने कहा,उनके फैसले का मंतव्य था कि नीट के रिजल्ट के आधार पर सिर्फ राय सरकार ही संयुक्त काउंसलिंग कराएगी। वे (पीठ) पुन: आदेश देते हैं कि मेडिकल की सभी सीटों के लिए राय सरकार ही केंद्रीकृत काउंसलिंग कराएगी। उसी से सरकारी और निजी कॉलेजों की सीटें भरी जाएंगी।

निजी मेडिकल कॉलेजों के सामने सरकार असहाय और छात्र बेबस

अगर किसी कॉलेज या विवि ने काउंसलिंग कर मेडिकल सीट पर कोई प्रवेश लिया गया है तो वे तत्काल प्रभाव से रद किए जाते हैं। हालांकि कोर्ट ने आदेश का उल्लंघन करने वाले निजी कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग ठुकरा दी और उन्हें अवमानना नोटिस से मुक्त कर दिया। राज्य सरकार की ओर से पेश एडीशनल सॉलीसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि पहले दौर की काउंसलिंग राज्य सरकार ने ही कराई थी और वह नए सिरे से दोबारा पूरी प्रक्रिया कराने को तैयार है। 30 सितंबर तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी जो प्रवेश की अंतिम तारीख है।


यह भरोसा भी दिया कि सरकारी व निजी कॉलेजों की सारी सीटें भरी जाएंगी, एक भी सीट खाली नही रहेगी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि काउंसलिंग अथॉरिटी तत्काल प्रभाव से वेबसाइट पर इस बाबत सूचना देगी और निजी कॉलेज उस सूचना के मुताबिक अपने प्रतिनिधि काउंसलिंग स्थल पर भेज सकते हैं।


जावड़ेकर ने किया फैसले का स्वागत

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, कोर्ट ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के मामले में फैसला सुनाया है। शुक्रवार को वह महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के बारे में फैसला सुनाने जा रहा है। ‘मेरा मानना है कि नीट की पूरी अवधारणा ही मेरिट के आधार पर प्रवेश देने की है। किसी को भी ज्यादा फीस देने की जरूरत नहीं है और यही प्रवेश में मेरिट की मूल अवधारणा है। सरकार के रूप में हमारी यही कोशिश रहती है कि उन्हें मेरिट के आधार पर ही प्रवेश मिले, न कि धन के बल पर। इसीलिए मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं।

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