सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा क्या विदेशी जमातियों का वीजा रद करने के आदेश जारी हुए थे

याचिका में कहा गया है गृहमंत्रालय ने मनमाने तरीके से एकतरफा कार्रवाई करते हुए 35 देशों के 960 नागरिकों को ब्लैकलिस्ट कर दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2020 08:48 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 08:48 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा क्या विदेशी जमातियों का वीजा रद करने के आदेश जारी हुए थे
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा क्या विदेशी जमातियों का वीजा रद करने के आदेश जारी हुए थे

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशियों का वीजा रद करने और ब्लैकलिस्ट करने के आदेश जारी हुए थे। कोर्ट ने केंद्र को याचिका की प्रति मिलने और जवाब के लिए समय देते हुए मामले की सुनवाई दो जुलाई तक टाल दी।

तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल विदेशी जमातियों ने वीजा रद करने को दी चुनौती

तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशी जमातियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उनका वीजा रद करने और उन्हें ब्लैक लिस्ट किये जाने को चुनौती दी है। सोमवार को न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर, दिनेश महेश्र्वरी और संजीव खन्ना की पीठ की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील सीयू सिंह से पूछा कि वीजा रद होने का आदेश कहां है। क्या इस बारे में आदेश जारी हुआ था। सिंह ने कहा कि वीजा रद होने और ब्लैकलिस्ट किये जाने के बारे में न कोई आदेश है और न ही किसी को कोई नोटिस दिया गया बस वीजा जब्त कर लिये गए।

जवाब देने के लिए सालिसिटर जनरल ने कोर्ट से मांगा समय, 

सुनवाई शुरू होने के थोड़ी देर बाद शामिल हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब देने के लिए कोर्ट से कुछ समय मांगा। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन्हें याचिका की कापी नही मिली है। हालांकि सीयू सिंह का कहना था कि उन्होंने सरकार के एडवोकेट ऑन रिकार्ड वकील को याचिका की कापी दी है।

कोर्ट ने सुनवाई 2 जुलाई तक टाली, वीजा रद को लेकर केंद्र से मांगा जवाब

कोर्ट ने सुनवाई 2 जुलाई तक टालते हुए केंद्र से कहा कि वह बताएं कि क्या याचिकाकर्ताओं का वीजा रद करने के संबंध में अलग से कोई आदेश जारी हुए हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर वीजा रद हो चुका है तो फिर ये अभी तक भारत में कैसे हैं और अगर रद नहीं हुआ है तो इन याचिकाओं का ही कोई मतलब नहीं है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह यह भी बताए कि वीजा रद होने और ब्लैकलिस्ट किये जाने के बारे में सभी के लिए सामान्य आदेश जारी हुए हैं या फिर सबके बारे में अलग-अलग आदेश जारी किये गए हैं।

विदेशी जमातियों ने कहा- ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई एकतरफा 

विदेशी जमातियों की याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार ने उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई एकतरफा की है। उन्हें पक्ष रखने के लिए नोटिस नहीं दिया गया और उन लोगों को वतन वापस लौटने से रोक दिया गया। मांग है कि कोर्ट मामले का रिकार्ड मंगाए और उन लोगों को ब्लैकलिस्ट किये जाने के एकतरफा आदेश को रद करे। साथ ही गृहमंत्रालय को आदेश दिया जाए कि वह उन लोगों को ब्लैकलिस्ट से हटाए और उनका वीजा बहाल करे। विदेश मंत्रालय को आदेश दिया जाए कि वह उनकी वापसी का इंतजाम करे।

35 देशों के 960 नागरिक ब्लैकलिस्ट: गृहमंत्रालय ने मनमाने तरीके से एकतरफा कार्रवाई 

याचिका में कहा गया है गृहमंत्रालय ने मनमाने तरीके से एकतरफा कार्रवाई करते हुए 35 देशों के 960 नागरिकों को ब्लैकलिस्ट कर दिया और साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि इन लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। ये बात 2 अप्रैल की प्रेस रिलीज के हवाले से कही गई है। यह भी कहा गया है कि इसके अलावा गत 4 जून को गृह मंत्रालय ने 2500 विदेशियों को और ब्लैकलिस्ट कर दिया।

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