सुप्रीम कोर्ट में टली पेगासस मामले की सुनवाई, जवाब देने के लिए केंद्र को मिला 13 सितंबर तक समय

पेगासस जासूसी कांड मामले (Pegasus case) पर केंद्र सरकार हलफनामा दायर नहीं कर सकी है जिसकी वजह से आज होने वाली सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 13 सिंतबर को होगी। 

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 12:01 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 12:10 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में टली पेगासस मामले की सुनवाई, जवाब देने के लिए केंद्र को मिला 13 सितंबर तक समय
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी कांड मामले की सुनवाई को सोमवार तक के लिए टाल दिया है। केंद्र सरकार के अनुरोध पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर का समय दिया है। केंद्र ने कहा कोर्ट से कहा कि कुछ कारणों से वह हलफनामा दाखिल नहीं कर पाया है। जिसके बाद कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। याचिकाओं में जासूसी कांड की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की गई है।

केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ कठिनाइयों के कारण पीठ द्वारा मांगा गया हलफनामा दायर नहीं किया जा सका है। उन्होंने मालमे की सुनवाई गुरुवार या सोमवार तक टालने की मांग की। वरिष्ठ पत्रकार एन राम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं है।

Supreme Court adjourns for September 13 the hearing in petitions seeking court-monitored probe into the reports of government allegedly using Israeli software Pegasus pic.twitter.com/bIqIPqKBw3

— ANI (@ANI) September 7, 2021

इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में संक्षिप्त हलफनामा दाखिल किया गया था। इसमें कहा गया था कि पेगासस मामले से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। इसमें आगे कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने अनुमान और आशंकाओं के आधार पर या आधारहीन व अपूर्ण मीडिया रिपोर्ट के आधार पर याचिकाएं दाखिल की हैं।

अदालत इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका सहित 12 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इजरायली फर्म एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके प्रतिष्ठित नागरिकों, राजनेताओं पर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर जासूसी के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

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