उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम, शुरू हुईं दो नई योजनाएं

केंद्र सरकार ने दीक्षारंभ और परामर्श योजना शुरू की हैं। परामर्श योजना में उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी गुणवत्ता को मजबूत बनाने को लेकर मदद दी जाएगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 18 Jul 2019 11:37 PM (IST) Updated:Thu, 18 Jul 2019 11:37 PM (IST)
उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम, शुरू हुईं दो नई योजनाएं
उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम, शुरू हुईं दो नई योजनाएं

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उच्च शिक्षा में सरकार की ओर से नई कोशिशें शुरू हुई हैं। सरकार ने 'दीक्षारंभ' और 'परामर्श' नाम की दो नई योजनाएं शुरू की है। जो इसी शैक्षणिक सत्र से देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी। UGC को इसे अमल की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरूवार को इन दोनों ही योजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें दीक्षारंभ योजना को छात्रों की मदद के लिए तैयार की गई है। जो एक तरीके का प्रबोधन कार्यक्रम (Induction program) होगा। जिसमें छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के साथ ही उसे संस्थान से जुड़ी सारी जानकारी दी जाएगी।

इनमें संस्थान की रैकिंग, वहां से पढ़कर निकलने वाली बड़ी शख्सियतें होंगे। इसके साथ ही संस्थान में कौन-सी सुविधा किस जगह मौजूद है, जैसी जानकारियां भी दी जाएगी। इस योजना में संस्थानों में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्रों का शामिल होना अनिवार्य होगा।

इसी तरह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से शुरू की गई परामर्श योजना में उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी गुणवत्ता को मजबूत बनाने को लेकर मदद दी जाएगी। इनमें विश्वविद्यालय और कालेज दोनों ही शामिल हो सकेंगे। यह मदद NAAC (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) और UGC से जुड़े विशेषज्ञों की ओर से दी जाएगी।

सरकार की मंशा देश के उच्च शिक्षा के सकल नामांकन दर (GIR) को बढ़ाकर दोगुना करना है। सरकार ने हाल ही में उच्च शिक्षा को नई ऊंचाई पर ले लाने की एक पांच साल की योजना भी तैयार की है। जिसमें राष्ट्रीय नामांकन दर में पिछड़े उच्च शिक्षण संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए वित्तीय मदद की भी सिफारिश की गई है।

इनमें राज्यों में मौजूद ऐसे प्रत्येक विश्वविद्यालयों को पचास करोड़ और कालेजों को दस करोड़ देने की योजना बनाई गई है। मौजूदा समय में देश में उच्च शिक्षा का औसत नामांकन दर करीब 25 फीसद है। 

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