EXCLUSIVE: भय्यूजी का जाना भी साथ नहीं ला पाया कुहू और आयुषी को,आखिर क्यों

गुरुवार को भय्यू महाराज की बेटी कुहू, पत्नी डॉ. आयुषी, परिजन और सेवादार कर्मकांड के लिए महेश्वर पहुंचे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 21 Jun 2018 04:32 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jun 2018 07:26 AM (IST)
EXCLUSIVE: भय्यूजी का जाना भी साथ नहीं ला पाया कुहू और आयुषी को,आखिर क्यों
EXCLUSIVE: भय्यूजी का जाना भी साथ नहीं ला पाया कुहू और आयुषी को,आखिर क्यों

महेश्वर [खरगोन]। आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज के सुसाइड के बाद एक तरफ जहां पुलिस की जांच और बयानों का दौर जारी है वहीं भय्यू महाराज के परिजन निधन के बाद होने वाली धार्मिक रस्में पूरी कर रहे हैं। गुरुवार को भय्यू महाराज की बेटी कुहू, पत्नी डॉ. आयुषी, परिजन और सेवादार कर्मकांड के लिए महेश्वर पहुंचे।

जानकारी के मुताबिक महेश्वर में नर्मदा तट पर भय्यू महाराज के दशकर्म की विधि पूरी की गई। भय्यू महाराज को मुखाग्नि देने के बाद बेटी कुहू ही उनके निधन के बाद सारी रस्में कर रही हैं। नर्मदा और देश की अन्य प्रमुख नदियों में भय्यू महाराज के अस्थि विसर्जन के बाद महेश्वर में कर्मकांड की विधि की गई। मंत्रोच्चार के बीच बेटी कुहू ने पूरे विधि-विधान के साथ ये रस्में पूरी की।

कुहू व आयुषी के बीच साफ दिखाई दी दूरियां
अब तक की पुलिस जांच में भय्यू महाराज के सुसाइड का मुख्य कारण बेटी और पत्नी के बीच विवाद ही सामने आया है। दोनों के बीच की ये दूरियां महेश्वर में भी साफ दिखाई दी। भय्यू महाराज के कर्मकांड कार्यक्रम में बेटी कुहू और पत्नी डॉ. आयुषी दोनों ही थे लेकिन पूरे समय दोनों ने आपस में कोई बात नहीं की। यहां तक की दोनों ने एक दूसरे को देखा तक नहीं। दोनों अलग-अलग गाड़ियों से ही महेश्वर पहुंची।

इधर भय्यू महाराज ने अपने और ट्रस्ट के सारे वित्तीय अधिकार अपने खास सेवादार विनायक को सौंप दिए थे। भय्यू महाराज के कर्मकांड के दौरान विनायक भी मौजूद था और रस्म के तहत उसने भी मुंडन कराया। विनायक पूरे समय पूजन में कुहू के साथ बैठे नजर आए।

श्रद्धांजलि सभा में दूर-दूर बैठी मां और बेटी
भय्यू महाराज की श्रद्धांजलि सभा में भी बेटी कुहू और पत्नी आयुषी के बीच दूरियां नजर आईं। दोनों के बीच में एक कांग्रेस नेत्री पूरे समय बैठी रही। पत्नी के साथ ज्यादातर उनके परिजन बैठे थे और कुहू के आसपास देशमुख परिवार के लोग नजर आए। सेवादार विनायक अंतिम पंक्ति में बैठा रहा। भय्यू महाराज की श्रद्धांजलि सभा ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर स्थित नक्षत्र गार्डन में आयोजित हुई थी। मां-बेटी एक मंच पर होने के बावजूद भी दूर ही बैठीं। इस बीच कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा दोनों के बीच में बैठीं। सभा के दौरान भी किसी ने एक-दूसरे से बात नहीं की। 

कुहू व आयुषी के बीच विवाद
पुलिस भी परिजन के समक्ष यही सवाल उठा रही है कि कुहू व आयुषी के बीच विवाद था भी तो कुहू तो पढ़ाई के लिए विदेश जा ही रही थी, उसके बाद तो वैसे भी विवाद हल हो जाता। फिर क्या वजह थी कि महाराज इतने तनाव में आ गए, जो यह कदम उठाना पड़ा। इससे पहले सीएसपी मनोज रत्नाकर शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे भय्यू महाराज के बंगले ‘शिवनेरी’ पहुंचे और सबसे पहले 57 वर्षीय बहन मधुमति उर्फ रेणु निवासी सोलापुर (महाराष्ट्र) व आराधना पाटिल निवासी बानेर (महाराष्ट्र) से बंद कमरे में पूछताछ की।

बेटी कुहू की जल्‍द शादी करवाना चाहते थे महराज
भय्यू महाराज सुसाइड केस में पुलिस शुक्रवार देर रात तक उनकी बेटी कुहू और सेवादार विनायक दुधाले से पूछताछ करती रही। कुहू ने बयान में बताया कि पिता उसकी जल्द शादी कर देना चाहते थे। उसके लिए लड़का ढूंढ रहे थे, लेकिन उसने शादी से इंकार कर दिया और कहा कि वह अभी छोटी है और पढ़ना चाहती है। हालांकि, इस बार कुहू के बयानों में वह तल्खी नहीं थी जो पहले देखने को मिल रही थी लेकिन इशारों-इशारों में उसने आयुषी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। एसपी अवधेश गोस्वामी के मुताबिक कुहू ने कहा कि वह पिता की दूसरी शादी के पक्ष में नहीं थी। उसने न आयुषी को कभी अपनी मां माना, न ही उससे कभी बातचीत की। उसने यह भी बताया कि महाराज की शादी के कुछ दिन बाद आयुषी से विवाद हुआ और घर में तस्वीरें फेंक दी। इन घटनाओं की वजह से पिता तनाव में थे।

दूसरी शादी के लिए नहीं थी राजी
मधुमति ने बताया कि कुहू पिता की दूसरी शादी के लिए कतई राजी नहीं थी। उन्होंने शादी के कुछ दिन पूर्व ही इस फैसले के बारे में बताया था। सुनते ही कुहू महाराज पर भड़क गई और शादी में शामिल होने से साफ इन्कार कर दिया। शादी के बाद कुहू और आयुषी में विवाद होने लगे। इसी वर्ष 29 अप्रैल को महाराज का जन्मदिन था। कुहू उस वक्त पुणे में थी। उसने पिता को अपने पास बुलाया।

आयुषी की नाराजगी
महाराज 28 अप्रैल को पुणे पहुंचे और रात 12 बजे बेटी के साथ केक काटा। इस पर आयुषी नाराज हो गईं। उन्होंने कहा कि वह जन्मदिन का पहला विश करना चाहती थीं और रात में ही केक काटना चाहती थीं। उसे नजरअंदाज कर दिया गया। महाराज 29 अप्रैल की दोपहर घर लौटे तो दोनों में इस बात पर कहासुनी भी हुई। इस तरह छोटीछोटी बातों को लेकर होने वाले क्लेश से महाराज अवसाद में पहुंच गए थे।

कौन थे भय्यूजी महाराज
29 अप्रैल 1968 को जन्मे भय्यूजी महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख था। वे शुजालपुर के जमीदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यूजी महाराज अब गृहस्थ संत थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनकी ही देखरेख में चलता था। उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। उनकी पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है। पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद उन्होने ग्वालियर की डॉक्टर आयुषी शर्मा से दूसरा विवाह किया था। 

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