सुस्त पड़ी ग्रामीण सड़कों की निर्माण की रफ्तार

चालू वित्त वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत कुल 57 हजार किमी सड़क बनाई जानी है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 05 Jul 2017 09:57 PM (IST) Updated:Wed, 05 Jul 2017 09:57 PM (IST)
सुस्त पड़ी ग्रामीण सड़कों की निर्माण की रफ्तार
सुस्त पड़ी ग्रामीण सड़कों की निर्माण की रफ्तार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गांवों को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण की गति सुस्त पड़ गई है। सालाना लक्ष्य के मुकाबले पहली तिमाही में केवल साढ़े अठारह फीसद सड़कें ही बनाई जा सकी हैं। निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को अपनी रफ्तार को बढ़ानी पड़ेगी। मंत्रालय ने कहा है कि लक्ष्य को पूरा करने के लिए अक्तूबर से सड़कों के निर्माण की गति तेज की जायेगी।

चालू वित्त वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत कुल 57 हजार किमी सड़क बनाई जानी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन औसतन 156 किमी सड़कें बनानी पड़ेगी। इतनी लंबाई की सड़कें बनाने में कुल 16 हजार छह सौ गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ना है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में कुल साढ़े दस हजार किमी लंबाई की सड़कें बनाई जा सकीं हैं। इसमें अब तक ढाई हजार बसावटों को जोड़ दिया गया है। यह कुल गांवों को जोड़ने के सालाना लक्ष्य का 15 फीसद है। पहली तिमाही में पीएमजीएसवाई की सड़कों को बनाने की रोजाना की रफ्तार 117 किमी रही है। जबकि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 156 किमी सड़क निर्माण की रोजाना की रफ्तार की जरूरत है।

मंत्रालय का कहना है कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अक्तूबर 2017 से मार्च 2018 तक सड़कों के निर्माण की गति को तेज करना ही होगा। अक्तूबर से पहले मानसून सीजन में बारिश के चलते सड़कों का निर्माण एक तरह से ठप सा रहता है। इसके बावजूद मंत्रालय का दावा है कि पीएमजीएसवाई की सड़कों को लक्ष्य सिर्फ पूरा नहीं होगा, बल्कि इससे अधिक भी बनाई जा सकती हैं। पीएमजीएसवाई की सड़कें बनाने में आमतौर पर गैर परंपरागत निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाता है। इनमें प्लास्टिक कचरा, कोल्ड मिक्स फ्लाई ऐश, जूट व क्वायर जियो टेक्सटाइल्स, आयरन व कापर स्लैग, सीमेंट के पैनल व अन्य ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। 

वर्ष 2017-18 में कुल 10 हजार किमी लंबाई की सड़कें इन्हीं विशेष सामग्री के उपयोग से बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पहली तिमाही में भी इन सामग्रियों के उपयोग से कुल 1235 किमी सड़कें बनाई गईं। पीएमजीएसवाई की सड़कें बनाने में राजस्थान, पंजाब, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु ने उल्लेखनीय कार्य किया है।

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