Show Cause Notice: कोवैक्सीन खरीद से संबंधित विषय में सूचना न देने पर सूचना आयोग ने सीडीएससीओ को कारण बताओ नोटिस

आयोग ने यह बताने का निर्देश दिया है कि सूचना देने से मना करने के लिए आरटीआइ अधिनियम की धारा-20 के तहत संबंधित के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही क्यों न की जाए। आरटीआइ दाखिल करने वाले व्यक्ति ने सूचना उपलब्ध कराये जाने से इन्कार किये जाने पर शिकायत की थी।

By Amit SinghEdited By: Publish:Wed, 14 Sep 2022 04:30 AM (IST) Updated:Wed, 14 Sep 2022 04:30 AM (IST)
Show Cause Notice: कोवैक्सीन खरीद से संबंधित विषय में सूचना न देने पर सूचना आयोग ने सीडीएससीओ को कारण बताओ नोटिस
सूचना आयोग ने सीडीएससीओ को कारण बताओ नोटिस

नई दिल्ली, एजेंसियां: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को एक आरटीआइ का गलत जवाब देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरटीआइ अधिनियम के तहत अर्जी देने वाले व्यक्ति ने भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन की खरीद पर डब्ल्यूएचओ द्वारा लगाई गई रोक पर सीडीएससीओ के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआइओ) से सूचना मांगी थी।

जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर की शिकायत

आयोग ने सीडीएससीओ के सीपीआइओ सुशांत सरकार को यह बताने का निर्देश दिया है कि सूचना देने से मना करने के लिए आरटीआइ अधिनियम की धारा-20 के तहत उनके खिलाफ क्यों न दंडात्मक कार्यवाही की जाए। आरटीआइ दाखिल करने वाले व्यक्ति ने सूचना उपलब्ध कराये जाने से इन्कार किये जाने पर शिकायत की थी। आरटीआइ अधिनियम की धारा-20 के तहत यदि सीआइसी इस बात से सहमत हो जाता है कि सूचना उपलब्ध कराने से मना कर अनुचित किया गया है तो वह 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगा सकता है। यह रकम सीपीआइओ के वेतन से काटी जाएगी। जुर्माने की अधिकतम सीमा 25,000 रुपये तक हो सकती है।

देश में कोरोना के खिलाफ जारी है टीकाकरण अभियान

आपको बता दें, देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान में कोविशील्ड समेत कोवैक्सीन का प्रमुख तौर पर इस्तेमाल किया गया। देश की केन्द्र सरकार ने बड़े पैमाने पर टीके की खरीद कर राज्य को उपलब्ध कराया। ताकि वक्त रहते महामारी पर काबू पाया जा सके और तेजी से फैल रहे संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। देश में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सरकार, लोगों से प्रिकाशन डोज लगवाने की अपील कर रही है। पूरे देश में 15 जुलाई से 75 दिनों के लिए प्रिकाशन डोज देने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रिकाशन डोज उन लोगों को दी जा रही है, जिन्हें दूसरा टीका लगे छह माह पूरे हो चुके हैं।

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