मसर्रत को छोड़ना ही गलत थाः शिवसेना

शिवसेना ने पाक परस्त मसरत आलम की गिरफ्तारी का समर्थन किया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मुफ्ती सरकार की आलोचना करते हुए संपादकीय में लिखा है कि मसरत आलम को छोड़ना का फैसला ही गलत था।मसरत को रिहा करना देशद्रोह के समान है।

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Sat, 18 Apr 2015 08:53 AM (IST) Updated:Sat, 18 Apr 2015 09:25 AM (IST)
मसर्रत को छोड़ना ही गलत थाः शिवसेना

मुंबई। शिवसेना ने पाक परस्त मसरत आलम की गिरफ्तारी का समर्थन किया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मुफ्ती सरकार की आलोचना करते हुए संपादकीय में लिखा है कि मसरत आलम को छोड़ना का फैसला ही गलत था।मसरत को रिहा करना देशद्रोह के समान है।

संपादकीय में मसरत की गिरफ्तारी पर उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि उसकी गिरफ्तारी को लेकर क्यों हंगामा हो रहा है। यह बात मसरत आलम के पिछले कारनामे को देखकर समझ आ गया होगा। कश्मीर की जेल में मसरत आलम को इसलिए नहीं रखा गया था, क्योंकि उसने उमर अब्दुल्लाह की पॉकेट मारी थी। उसे इसलिए जेल में रखा गया था क्योंकि उसने कश्मीर घाटी में हिंदुस्तान विरोध मुहीम चला रखी थी और वहां के लोगो को हिंदुस्तान के खिलाफ भड़काने का काम करता रहा है।

मसरत की रिहाई का विरोध करते हुए उद्धव ने कहा कि कश्मीर में भाजपा के राष्ट्रवादी विचारों के सत्ता में होने के बावजूद मसरत आलम जैसे आतंकवादी कैसे छूट सकते है। मसरत आलम को रिहा करके पाकिस्तान के हाथ में मशाल देने की कोशिश की गई थी, क्योंकि यहां मसरत को रिहा किया गया था और वहां लखवी को रिहा कर दिया गया था। अब लखवी भी हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगल रहा है।

मसरत आलम को रिहा करके जम्मू कश्मीर की मुफ्ती सरकार को क्या हासिल हुआ। गिलानी और मसरत जैसे नागों का फन कुचलना ही राष्ट के हित में है। मसरत आलम पाकिस्तान का एजेंट है और जो पाकिस्तान को कश्मीर में करना है वह मसरत के जरिए किया जाता है।

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