मोदी फोबिया से ग्रस्त है शिवसेना : भाजपा

महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों पर मंगलवार को शिवसेना और भाजपा में तलवारें खिंच गई। मोदी की जनसभाओं का शिवसेना ने मजाक उड़ाया, तो जवाब में भाजपा ने पूर्व सहयोगी को मोदी फोबिया से ग्रस्त बता दिया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि यदि वास्तव में मोदी के पास प्रचंड जनसमथ

By Sanjay BhardwajEdited By: Publish:Tue, 07 Oct 2014 10:10 PM (IST) Updated:Tue, 07 Oct 2014 10:10 PM (IST)
मोदी फोबिया से ग्रस्त है शिवसेना : भाजपा

मुंबई। महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों पर मंगलवार को शिवसेना और भाजपा में तलवारें खिंच गई। मोदी की जनसभाओं का शिवसेना ने मजाक उड़ाया, तो जवाब में भाजपा ने पूर्व सहयोगी को मोदी फोबिया से ग्रस्त बता दिया।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि यदि वास्तव में मोदी के पास प्रचंड जनसमर्थन है, तो भाजपा महाराष्ट्र में उनकी 25-30 रैलियां क्यों करवा रही है? उन्हें तो दिल्ली में बैठकर ही अपील जारी कर देना चाहिए था, जिसे राज्य की जनता निश्चित रूप से सुन लेती। एक प्रधानमंत्री को वोट के लिए इस गांव से उस गांव घूमना शोभा नहीं देता है। प्रधानमंत्री पद की मर्यादा को कायम रखा जाना चाहिए था।

इस पर शिवसेना के प्रति अबतक संयम बरत रही भाजपा ने जवाब देने में तनिक देर नहीं की। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उन्हें लगता था कि चुनाव में पार्टियां राज्य के भविष्य के लिए अपना एजेंडा जनता के सामने रखेंगी। पानी, बिजली, विकास और टोल की जिन समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ रहा है, उनपर बहस की जाएगी। लेकिन सबको एक किनारे रखकर शिवसेना मोदी पर हमले कर रही है। इससे लग रहा है कि वह मोदी फोबिया से ग्रस्त हो गई है। मोदी जी हमारे प्रचारक हैं और वे जितनी चाहेंगे, उतनी रैलियां करेंगे। इससे किसी दूसरे को चिंतित होने की क्या जरूरत है?

भाजपा के महासचिव और महाराष्ट्र के प्रभारी राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि लगता है कि चुनाव से पहले ही शिवसेना लड़ाई हार चुकी है।

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