सातवें वेतन आयोग की सिफारिश सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा : कांग्रेस

कांग्रेस ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा बताया है। माकन ने कहा कि दरअसल 23.55 फीसदी की बजाय सिर्फ 14.29 प्रतिशत बढोतरी की ही सिफारिश की गई है, क्योंकि सिफारिश में महंगाई भत्ते और बेसिक को एकसाथ ना मिलाकर अलग अलग रखा है।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Sat, 21 Nov 2015 03:42 PM (IST) Updated:Sat, 21 Nov 2015 04:51 PM (IST)
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा बताया है। माकन ने कहा कि दरअसल 23.55 फीसदी की बजाय सिर्फ 14.29 प्रतिशत बढोतरी की ही सिफारिश की गई है, क्योंकि सिफारिश में महंगाई भत्ते और बेसिक को एक साथ ना मिलाकर अलग अलग रखा गया है।

माकन ने इसे सरकारी कर्मचारियों के साथ विश्वासघात बताकर सरकार से महंगाई भत्ता और बेसिक को एक साथ मिलाने की मांग की है।

आपको बता दें कि वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपते हुए केंद्रीय कर्मियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में औसतन 23.55 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश की है। साथ ही सैनिकों की तरह असैन्य कर्मियों को भी वन रैंक, वन पेंशन देने की सिफारिश की है।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू हो जाएंगी। इसका फायदा 47 लाख केंद्रीय कर्मियों और 52 लाख पेंशन भोगियों को होगा।

सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एके माथुर ने गुरुवार शाम वित्त मंत्री अरुण जेटली के निवास पर रिपोर्ट सौंपी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए व्यय सचिव के नेतृत्व में एक अलग सचिवालय बनाया गया है।

जेटली ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से केंद्र सरकार पर कुल 1,02,000 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा जिसमें से 73,650 करोड़ रुपये केंद्रीय बजट तथा 28450 करोड़ रुपये रेलवे बजट पर होगा। सातवें वेतन आयोग का भार सकल घरेलू उत्पाद के 0.65 प्रतिशत के बराबर होगा जबकि छठे वेतन आयोग का भार 0.77 प्रतिशत था।

सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में औसतन 23.55 प्रतिशत वृद्धि होगी। इसमें से वेतन में 16 प्रतिशत, भत्तों में 63 प्रतिशत और पेंशन में 24 प्रतिशत वृद्धि होगी। साथ ही केंद्रीय कर्मियों के वेतन में सालाना 3 प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रस्ताव है।

मिलिट्री सर्विस पे में भी सातवें वेतन आयोग ने अच्छी खासी वृद्धि की सिफारिश की है। सर्विस ऑफिसर का मिलिट्री सर्विस पे 6000 रुपये मासिक से बढ़कर 15500 रुपये, नर्सिग ऑफिसर का 4200 से 10,800 रुपये, जेसीओ का 2000 से बढ़कर 5200 रुपये और नॉन कम्बेंटेंट का 1000 रुपये से बढ़कर 3600 रुपये हो जाएगा।

आयोग ने केंद्रीय कर्मियों के 52 भत्ते भी खत्म करने का प्रस्ताव किया है। साथ ही 36 तरह के भत्तों में बदलाव की सिफारिश की है। हालांकि सियाचिन की दुर्गम परिस्थितियों में तैनाती पर जोखिम भत्ता बढ़ाया है। आयोग ने सर्विस ऑफिसर के लिए सियाचिन भत्ता 21,000 रुपये से बढ़ाकर 31000 रुपये तथा जेसीओ और आरओ का 14,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की सिफारिश की है।

आयोग ने मकान किराया भत्ता एक्स, वाई और जेड श्रेणी के शहरों में क्रमश: 24 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 8 प्रतिशत देने की सिफारिश की है। आयोग ने कहा है कि महंगाई भत्ता अगर 50 प्रतिशत से अधिक हो जाए तो एचआरए बढ़कर 27, 18 और 9 प्रतिशत हो जाएगा। वहीं डीए बढ़कर 100 प्रतिशत होने पर यह 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत हो जाएगा। आयोग ने सरकारी कर्मचारियों को सभी तरह की ब्याज मुक्त लोन की सुविधाओं को खत्म करने की सिफारिश की है।

हालांकि कर्मचारी कंप्यूटर और मकान खरीदने के लिए ब्याज पर कर्ज ले सकेंगे। मकान खरीदने के लिए कर्मचारी अब साढ़े सात लाख रुपये के बजाय 25 लाख रुपये तक कर्ज ले सकेंगे।आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का समूह बीमा न्यूनतम 30,000 रुपये बढ़ाकर 15,00,000 तथा अधिकतम 1,20,000 रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की घोषणा की है।

साथ ही ग्रेच्युटी भी मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने तथा डीए 50 प्रतिशत से अधिक होने पर ग्रेच्युटी में 25 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश भी आयोग ने की है। आयोग ने ड्यूटी पर जान गंवाने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को जवानों को भी सैनिकों की तरह शहीद का दर्जा देने की सिफारिश की है।

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