ऑडिटर्स पर अंकुश लगाने की तैयारी में सेबी

सेबी का यह प्रस्ताव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सत्यम और किंगफिशर जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में ऑडिटर्स और मूल्यांकन करने वालों की भूमिका पर सवाल उठे थे।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Wed, 21 Mar 2018 10:07 PM (IST) Updated:Wed, 21 Mar 2018 10:07 PM (IST)
ऑडिटर्स पर अंकुश लगाने की तैयारी में सेबी
ऑडिटर्स पर अंकुश लगाने की तैयारी में सेबी

नई दिल्ली, प्रेट्र : बाजार नियामक सेबी ऑडिटर्स और अन्य जिम्मेदार लोगों के लिए नए प्रावधान लागू करने पर विचार कर रहा है। इनके तहत दोषी पाए जाने पर ऑडिट या वैल्युएशन रिपोर्ट जारी करने पर रोक और जुर्माने जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। साथ ही गलत तरीके से हुआ फायदा और अपनी फीस भी लौटानी होगी। 28 मार्च को होने वाली सेबी की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है।

सेबी का यह प्रस्ताव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सत्यम और किंगफिशर जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में ऑडिटर्स और मूल्यांकन करने वालों की भूमिका पर सवाल उठे थे। हाल में हुए पीएनबी घोटाले, वाट्सएप लीक और फोर्टिस के मामले में भी ऑडिटर्स संदेह के दायरे में हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सेबी सिक्योरिटी मार्केट में जिम्मेदार लोगों के लिए नए नियम के जरिये भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए सतर्कता बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसके लिए अतिरिक्त डिसक्लोजर और ऑडिटर्स व थर्ड पार्टी द्वारा जारी फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स की ज्यादा जांच की जरूरत होगी। सेबी ने प्रस्तावित नियमन के लिए मसौदा पत्र तैयार किया है। इसे अगली बोर्ड बैठक में रखे जाने की उम्मीद है। सभी संबद्ध पक्षों की टिप्पणियों को शामिल करने के बाद अंतिम नियमन को मसौदा पत्र में शामिल किया जाएगा।

नए नियमों की जरूरत पर अधिकारी ने कहा, 'सेबी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय नतीजे और अन्य जानकारियां पूर्ण स्वरूप में, समयबद्ध और सटीक तरीके से सामने आएं। निवेशकों के फैसले पर इनका बड़ा असर होता है।' अधिकारी ने कहा कि ऑडिटर्स, मर्चेट बैंकर्स, रेटिंग एजेंसीज, कॉस्ट अकाउंट्स और मूल्यांकन करने वालों से मिली जानकारियां ही निवेशक के ज्यादातर फैसलों का आधार होती हैं। इन्हीं को प्रमुख रक्षक के तौर पर देखा जाता है। इनसे जुड़ी खामियों को सामने लाने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।

बोर्ड बैठक में अन्य कई प्रस्ताव भी रखे जाने की उम्मीद है। अधिकारी के मुताबिक, बाजार नियामक इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन की प्रक्रिया से गुजर रही सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अतिरिक्त डिसक्लोजर का प्रावधान करने की तैयारी कर रहा है। इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही कंपनियों के लिए कुछ अन्य प्रावधानों में भी बदलाव किए जा सकते हैं।

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