स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़े और दस्तावेज जारी, अंकित है भारतीय नौसेना का चिह्न

भारतीय पनडुब्बी से जुड़े दस्तावेज लीक नहीं हुए हैं, बल्कि उन्हें निर्माता कंपनी डीसीएनएस के यहां से चुराया गया था।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Fri, 26 Aug 2016 03:27 AM (IST) Updated:Fri, 26 Aug 2016 08:15 AM (IST)
स्कॉर्पीन पनडुब्बी से जुड़े और दस्तावेज जारी, अंकित है भारतीय नौसेना का चिह्न

नई दिल्ली। आस्ट्रेलियाई अखबार "द आस्ट्रेलियन" ने स्कॉर्पीन पनडुब्बियों से जुड़े लीक दस्तावेजों का नया सेट गुरुवार को जारी कर दिया। इन दस्तावेजों में पानी के नीचे युद्धक प्रणाली के संचालन निर्देशों की जानकारी दी गई है। बता दें कि फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस भारत में छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण कर रही है।

नए दस्तावेजों पर भारतीय नौसेना का चिह्न अंकित है और उन पर "रिस्ट्रिक्टिड स्कॉर्पीन इंडिया" लिखा है। इनमें पनडुब्बी की सोनार प्रणाली का विवरण है। इस प्रणाली का इस्तेमाल पानी के नीचे खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जाता है।

दस्तावेजों में सोनार प्रणाली की तकनीकी विशिष्टताओं का विस्तार से उल्लेख है। साथ ही ये भी बताया गया है कि यह किस डिग्री और फ्रिक्वेंसी पर कार्य करेगी। इसमें अन्य चीजों के अलावा यह भी बताया गया है कि फायरिंग के लिए लक्ष्य का और हथियार का चुनाव किस तरह किया जाना चाहिए।

नए दस्तावेजों पर हालांकि नौसेना ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है, लेकिन सूत्र इस बात पर कायम हैं कि इनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। उनका कहना है कि किसी पनडुब्बी के बारे में यही जानकारी कई नौसैनिक रक्षा वेबसाइटों पर उपलब्ध है।
लीक नहीं, चोरी हुए दस्तावेज
पेरिस। फ्रांसीसी सरकार के सूत्रों ने गुरुवार को दावा किया कि भारतीय पनडुब्बी से जुड़े दस्तावेज लीक नहीं हुए हैं, बल्कि उन्हें निर्माता कंपनी डीसीएनएस के यहां से चुराया गया था। फ्रांसीसी सूत्रों ने साफ तौर पर कहा, "हमें डीसीएनएस की ओर से कोई असावधानी नहीं मिली है, लेकिन एक व्यक्ति की बेईमानी की पहचान की है।"

लगता है कि यह दस्तावेज पूर्व फ्रांसीसी सहायक ठेकेदार ने 2011 में चुराए थे। यह सहायक ठेकेदार जब भारत में पनडुब्बी के प्रयोग से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर रहा था, तभी उसे हटा दिया गया था। ये गोपनीय दस्तावेज नहीं थे।
रक्षा मंत्रालय में बैठकों का दौर जारी
लीक की खबर के बाद गुरुवार को दिल्ली स्थित रक्षा मंत्रालय में बैठकों का दौर चलता रहा। नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और अन्य शीर्ष अधिकारी लगातार रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर को ताजा सूचनाओं से अवगत करा रहे हैं।

भारतीय नौसेना भी सुरक्षा को होने वाले किसी भी संभावित खतरे को कम करने लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। भारत और फ्रांस दोनों ने ही मामले की जांच शुरू कर दी। भारतीय नौसेना ने यह मामला फ्रांस के आयुध महानिदेशालय के समक्ष उठाया है।

नौसेना ने फ्रांस सरकार से तत्काल इस घटना की जांच कराने और उसके निष्कर्षों से भारतीय पक्ष को अवगत कराने का आग्रह किया है। सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता न हो, इसके लिए प्रक्रियाओं का आंतरिक ऑडिट भी कराया जा रहा है।
अब ये हुआ लीक

पनडुब्बी के सोनार सिस्टम और उसके प्रमुख अवयवों यानी फ्लैंक एरे, सोनार इंटरसेप्ट रिसीवर आदि से उपयोग में लाई जाने वाली फ्रिक्वेंसी संबंधी सूचनाएं लीक हुई हैं। ये सभी दुश्मन युद्धपोतों और पनडुब्बियों को खोजने और टॉरपीडो के इस्तेमाल से हमला करने में सहायक होते हैं।नए गोपनीय दस्तावेज उस दावे को गलत बताते हैं जिसमें कहा गया था कि पनडुब्बी की क्षमता से संबंधित सूचनाएं लीक नहीं हुई हैं। यानी कोई तात्कालिक सुरक्षा खामी नहीं दिखती।दस्तावेजों से साबित होता है कि गोपनीय सूचनाओं के साथ समझौता किया गया है, लेकिन यह सार्वजनिक नहीं हुआ है।जानिए, स्कॉर्पीन लीक केस में रक्षा मंत्री पर्रिकर की क्या थी पहली प्रतिक्रिया

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