JEE- NEET परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

JEE- NEET परीक्षा कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने 17 अगस्त के फैसले के खिलाफ 6 गैर-भाजपा शासित प्रदेशों की रिव्यू पिटिशन पर शुक्रवार को सुनवाई से इनकार कर दिया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 10:45 AM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 03:06 PM (IST)
JEE- NEET परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
JEE- NEET परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

नई दिल्ली, जेएनएन। संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) करवाने के 17 अगस्त के अपने फैसले के खिलाफ 6 गैर-भाजपा शासित प्रदेशों की रिव्यू पिटिशन पर शुक्रवार को सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।  अब देशभर में जेईई मेन और नीट परीक्षाएं अपने तय शेड्यूल पर ही आयोजित की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने छह राज्यों के छह कैबिनेट मंत्रियों की पुनर्विचार याचिका को आज खारिज कर दिया।

मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने की। बेंच ने 6 राज्यों के छह कैबिनेट मंत्रियों द्वारा जेईई मेन और नीट परीक्षाओं पर पुनर्विचार करने की याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया। बता दें कि 17 अगस्त को फैसला देने वाली पीठ की अध्यक्षता जस्टिस अरुण मिश्रा कर रहे थे, जो रिटायर हो चुके हैं। उनकी जगह जस्टिस अशोक भूषण ने ली है। पिछले माह विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने का निर्देश कोर्ट ने दे दिया था। इसके बावजूद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों से जुड़ी छह राज्य सरकारों ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और परीक्षाएं टालने का आग्रह किया। इस पुनर्विचार याचिका में छात्रों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवन को बचाने के लिए परीक्षाओं को कुछ समय के लिए टालने की गुहार लगाई थी। 

कोर्ट ने अपने 17 अगस्त के फैसले में कहा था कि परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी, कोरोना से जिंदगी नहीं थम सकती। राज्य सरकारों ने इस पर पुनर्विचार की मांग की है। नीट (NEET) का आयोजन 13 सिंतबर को होगा परीक्षाओं को स्थगित कराने को लेकर जो राज्य सरकारें सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं उनमें पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बंगाल, झारखंड और महाराष्ट्र शामिल हैं। हालांकि इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग दिल्ली और ओडिशा भी कर रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका में इन राज्यों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

याचिकाकर्ताओं में मोलोय घटक (मंत्री-प्रभारी, श्रम और ईएसआई (एमबी) योजना और कानून और न्यायिक विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार), डॉ. रामेश्वर उरांव (कैबिनेट मंत्री, झारखंड सरकार), डॉ. रघु शर्मा (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, राजस्थान सरकार), अमरजीत भगत (खाद्य, नागरिक आपूर्ति, संस्कृति, योजना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, छत्तीसगढ़ सरकार), बलबीर सिंह सिद्धू (कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण), और उदय रवींद्र सामंत (उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री, महाराष्ट्र सरकार) शामिल हैं।

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