किसानों की हालत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कृषि कानून पर अब 11 जनवरी को होगी सुनवाई

तीनों नए कृषि कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली पर सुप्रीम कोर्ट 11 जनवरी को सुनवाई करेगा। इससे पहले करकार और किसान संगठनों के बीच सात दौर की बातचीत हो चुकि है। किसान 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 06 Jan 2021 12:28 PM (IST) Updated:Wed, 06 Jan 2021 12:28 PM (IST)
किसानों की हालत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कृषि कानून पर अब 11 जनवरी को होगी सुनवाई
कृषि कानून की सभी अर्जियों पर एकसाथ 11 जनवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि कानूनों के विरोध में 40 दिनों से धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच सात दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कोई अंतिम नतीजा नहीं निकल सका है। इस बीच सुर्कीम कोर्ट ने किसानों की हालत पर चिंता जताई है।

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग और किसानों के प्रदर्शन को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्न ने 11 जनवरी तक स्थगित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसानों के विरोध के संबंध में जमीन पर कोई सुधार नहीं हुआ है, केंद्र द्वारा कहा गया था कि इन मुद्दों को लेकर सरकार और किसानों के बीच स्वस्थ चर्चा चल रही है।

Supreme Court today adjourned the hearing to January 11, while noting that "we understand the farmers' situation", during the hearing in a petition filed by a lawyer, seeking quashing of Centre's three farm laws

— ANI (@ANI) January 6, 2021

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस बात की अच्छी संभावना है कि निकट भविष्य में सरकार और किसान किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली दलीलों पर केंद्र द्वारा प्रतिक्रिया दायर करने से किसानों और सरकार के बीच बातचीत में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित करते हुए कहा कि सरकार और किसानों के बीच स्वस्थ वातावरण में बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि इन मामलों को 8 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया जाना चाहिए।

उधर, किसान आंदोलन को लेकर मंगलवार को पंजाब के भाजपा नेताओं नेप्र पीएम मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद भाजपा नेताओं ने इस मामले के जल्द समाधान की उम्मीद जताई। प्रदर्शनकारी किसानों में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के ही हैं। पंजाब के भाजपा नेता सुरजीत कुमार ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसान आंदोलन से जुड़े एक-एक चीज की जानकारी है। 

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