COVID-19: टेस्ट के लिए देशभर में तय हो रियायती रेट, अस्पतालों में लगे CCTV: कोर्ट

कोर्ट ने एक्सपर्ट की टीम को अस्पताल भेजे जाने पर जोर देते हुए कहा कि कोविड-19 मरीजों के इलाज व इसके कारण मरने वालों के शवों के प्रबंधन में होने वाली खामियों को दूर करें।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 19 Jun 2020 01:46 PM (IST) Updated:Fri, 19 Jun 2020 01:46 PM (IST)
COVID-19:  टेस्ट के लिए देशभर में तय हो रियायती रेट, अस्पतालों में लगे CCTV: कोर्ट
COVID-19: टेस्ट के लिए देशभर में तय हो रियायती रेट, अस्पतालों में लगे CCTV: कोर्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश में नॉवेल कोरोना वायरस से संक्रमितों के इलाज व मृतक शवों के प्रबंधन के मामले में स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि कोविड-19 टेस्ट के लिए रियायती दर निश्चित की जाए जो देशभर में एक समान हो। कोर्ट ने सभी अस्पताल के वार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी आदेश दिया। 

अस्पताल का दौरे एक्सटपर्ट की टीम

मरीजों के उचित इलाज व मृतक शवों के प्रबंधन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि एक्सपर्ट की टीम को अस्पतालों का दौरा करना चाहिए ताकि इस प्रक्रिया में होने वाली त्रुटियों व कमियों को दूर किया जा सके। कोर्ट ने मरीजों के देखभाल और शवों के उचित प्रबंधन में होने वाली कमियों को खत्म करने की सलाह दी।देश भर में कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए हालात के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है।

शुल्क निश्चित करने का काम सरकार का

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कोविड-19 टेस्ट के लिए देश के तमाम राज्य सरकारों से एक रियायती दर सुनिश्चित कराने को कहा है। जस्टिस अशोक भूषण ( Ashok Bhushan) , संजय किशन कौल (Sanjay Kishan Kaul) और एम.आर. शाह ( M.R. Shah) वाली बेंच ने केंद्र को एक कमिटी का गठन करने का निर्देश दिया जो राज्यवार टेस्ट की दरें सुनिश्चित कर सके। जस्टिस शाह ने केंद्र की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) से कहा कि कुछ राज्यों में टेस्ट के लिए 2,200 रुपये हैं वहीं कुछ में यह कीमत 4,500 रुपया है।' इसके अलावा उन्होंने कहा कि टेस्ट के लिए रियायती शुल्क निश्चित करने का काम सरकार का है कोर्ट का नहीं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सुबह 8 बजे जारी किए गए आंकड़ों के हिसाब से देश भर में कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होने वालों की संख्या 2 लाख 4 हजार 7 सौ 10 हो गई है। वहीं देश में सक्रिय मामले 1 लाख 63 हजार 2 सौ 48 हैं। इसके अलावा 1 मामला माइग्रेट का है।

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