दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आप की याचिका पर सुनवाई आज

दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आम आदमी पार्टी द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आप ने केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की है, जिसमें दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही गई थी। आप का कहना है कि इस आदेश के बाद कांग्रेस और भाजपा में विधायकों की

By Edited By: Publish:Fri, 07 Mar 2014 10:24 AM (IST) Updated:Fri, 07 Mar 2014 10:26 AM (IST)
दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आप की याचिका पर सुनवाई आज

नई दिल्ली। दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ आम आदमी पार्टी द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आप ने केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की है, जिसमें दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही गई थी। आप का कहना है कि इस आदेश के बाद कांग्रेस और भाजपा में विधायकों की खरीद-फरोख्त में बढ़ोतरी होगी।

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के साथ ही दिल्ली विधानसभा को भंग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग की थी। लेकिन केंद्र ने इस मांग को ठुकराकर यहां पर राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की थी। इस आदेश के खिलाफ आप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस संबंध में आज होने वाली सुनवाई को बेहद अहम माना जा रहा है।

यदि कोर्ट ने आप याचिका में दर्ज बातों को सही पाया तो दिल्ली से राष्ट्रपति शासन को हटाकर कोर्ट यहां पर दोबारा चुनाव कराने के निर्देश तक दे सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यह आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत होगी। दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन को सही ठहराते हुए कहा है कि दिल्ली में इतनी जल्दी चुनाव कराना न तो व्यवहारिक है और न ही जनहित में है।

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दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

केंद्र ने उपराज्यपाल की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कहा है कि दिल्ली में अभी सरकार बनने की संभावनाएं पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट पिछली सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट कर चुका है कि वह इस मामले पर राजनीति नहीं चाहता। लिहाजा उसने केवल संवैधानिक प्रश्नों पर केंद्र को नोटिस जारी किया था। आप ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है।

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