हिरासत केंद्रों में रखे गए बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और असम सरकार को हिरासत केंद्रों में रखे गए बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Fri, 14 Feb 2020 11:09 PM (IST) Updated:Fri, 14 Feb 2020 11:09 PM (IST)
हिरासत केंद्रों में रखे गए बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब
हिरासत केंद्रों में रखे गए बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र तथा असम सरकार को हिरासत केंद्रों में रखे गए बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसके लिए समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई मार्च के तीसरे सप्ताह के लिए तय कर दी। बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर शीर्ष अदालत पहले भी आदेश जारी कर चुकी है।

चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ को वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि हिरासत केंद्रों में 300 से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो तीन साल या उससे अधिक समय से बंद हैं। इन केंद्रों में 700 लोग एक वर्ष से ज्यादा समय से बंद हैं।

हिरासत केंद्रों में मौजूद लोगों का बायोमीट्रिक ब्योरा                                

शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में आदेश दिया था कि असम के हिरासत केंद्रों में तीन वर्षो से ज्यादा समय से बंद लोगों को छोड़ा जा सकता है, बशर्ते सुरक्षित डाटाबेस में उनका बायोमीट्रिक ब्योरा दर्ज कर लिया जाए। इसके साथ ही उन्हें एक लाख रुपये का बांड, दो भारतीय जमानतदार और वैसे दो पते बताने होंगे, जहां छोड़े जाने के बाद वे रहेंगे।

दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश                                     

हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस बात पर सहमति जताई थी कि राजनयिक प्रक्रिया समेत अन्य कार्यो में प्रगति के लिए असम सरकार को और समय दिया जाना चाहिए। इनमें विदेशी घोषित लोगों का प्रत्यर्पण और अतिरिक्त फॉरेन ट्रिब्यूनल की स्थापना जैसे काम शामिल हैं। कोर्ट ने सरकार को गुवाहाटी हाई कोर्ट से परामर्श करते हुए योजना से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए थे।

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