वर्षा की बूंदे सहेजने के लिए पीएम मोदी कल से शुरू करेंगे 'Catch the Rain' अभियान, जानें- इससे जुड़ी हुईं खास बातें

प्रधानमंत्री द्वारा अभियान की शुरुआत करने के बाद चुनावी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी राज्यों के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों की सभी ग्राम सभाओं की बैठक होगी और वर्षा जल संचयन के बारे में चर्चा होगी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 21 Mar 2021 07:20 PM (IST) Updated:Sun, 21 Mar 2021 07:52 PM (IST)
वर्षा की बूंदे सहेजने के लिए पीएम मोदी कल से शुरू करेंगे 'Catch the Rain' अभियान, जानें- इससे जुड़ी हुईं खास बातें
देश की सभी पंचायतों और ग्राम सभाओं में होगी जल संचयन के उपायों पर चर्चा

नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को 'जल शक्ति अभियान : कैच द रेन' यानी वर्ष जल संचयन अभियान की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस अभियान के सिलसिले में आयोजित एक समारोह के दौरान पीएम की उपस्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच केन-बेतवा संपर्क परियोजना क्रियान्वित करने संबंधी समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय योजना के तहत यह पहली परियोजना होगी। पीएमओ के मुताबिक 'जल शक्ति अभियान : कैच द रेन' कार्यक्रम के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा। इसका नारा होगा जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी जमा करें।

इस अभियान को 22 मार्च से 30 नवंबर तक चलाया जाएगा। इस अभियान को गांव-गांव में जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा ताकि बारिश के पानी का संचयन सुनिश्चित हो और भूजल स्तर बेहतर बने।

प्रधानमंत्री द्वारा अभियान की शुरुआत करने के बाद चुनावी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी राज्यों के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों की सभी ग्राम सभाओं की बैठक होगी और वर्षा जल संचयन के बारे में चर्चा होगी। ग्राम सभाओं की ओर से जल शपथ कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।

जानें- कैसे चलाया जाएगा अभियान

1- अभियान के तहत सरकारों, संस्थाओं और समाज को चेक डैम, वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स, रूफटाप वर्षा जल संग्रहण प्रणाली आदि लगाने, तालाबों सहित तमाम जलस्त्रोतों के अतिक्रमण हटाने और उनकी स्थिति दुरुस्त करने का काम होगा ताकि ज्यादा मात्रा में और अधिक समय तक जल संग्रह हो सके। इन जल स्त्रोतों तक उनके कैचमेंट एरिया से बारिश का पानी लाने वाले चैनलों की राह से बाधाएं हटाए जाएंगी। खराब पड़े बोरवेल्स और सूख चुके कुओं को दुरुस्त किया जाएगा ताकि इनके जरिये बारिश का पानी धरती की कोख में भेजा जा सके।

2- अभियान से जुड़ी तमाम गतिविधियों में मदद देने के लिए सभी राज्यों के प्रत्येक जिले में रेन सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे। इन रेन सेंटर्स का मोबाइल नंबर लोगों से साझा किया जाएगा। हर सेंटर पर वर्षाजल संग्रहण प्रणाली का एक विशेषज्ञ होगा जो लोगों लोगों को तकनीकी जानकारी देगा।

3- सभी शहरों के सभी भवनों के छतों पर आरडब्ल्यूएच (वर्षाजल संग्रहण प्रणाली) स्थापित की जाएगी। इससे शहरी क्षेत्रों का भूजल स्तर बढ़ेगा और सड़कों पर जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

4- हर जिले में सभी तालाबों से अतिक्रमण हटवाया जाएगा। तालाबों को रेवेन्यू रिकार्ड से चिह्नति किया जाएगा।

5- सभी जिलाधिकारियों, आइआइएम, आइआइटी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, रेलवे चेयरमैन, एयरपोर्ट अथारिटी, सार्वजनिक उपक्रमों, सेंट्रल आ‌र्म्ड फोर्स के डीजी की इस अभियान में मदद ली जाएगी। इन अधिकारियों, संस्थाओं के अधीन बहुत सारी खाली-निर्माणाधीन या बसावट वाली जमीनें हैं। कैच द रेन अभियान को सफल बनाने के लिए इनकी सक्रिय भागीदारी होगी।

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