Sabarimala Row: मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा हुईं बेघर, ससुराल वालों ने छोड़ा

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया है। इससे पहले सास ने कथित तौर पर कनकदुर्गा के साथ मारपीट भी की थी।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Wed, 23 Jan 2019 01:13 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jan 2019 01:13 PM (IST)
Sabarimala Row: मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा हुईं बेघर, ससुराल वालों ने छोड़ा
Sabarimala Row: मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा हुईं बेघर, ससुराल वालों ने छोड़ा

पेरिन्तल्मन्न (केरल), एएनआइ। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली कनकदुर्गा के लिए अपने ही घर के दरवाजे बंद हो गए हैं। ससुराल वालों ने कनकदुर्गा को घर से निकाल दिया है। करीब एक हफ्ते पहले ही कनकदुर्गा ने अपनी सास पर मारपीट का आरोप लगाया था। पुलिस ने बताया सबरीमाला मंदिर में पूजा-अर्चना करके बाद अपनों के कड़े विरोध का सामना कर रही कनकदुर्गा सरकारी आश्रय गृह में शरण लेने को मजबूर हो गई हैं। उन्हें घर से निकाल दिया गया। जहां उनके सुसराल वाले रहते थे, अब वहां ताला लटका हुआ है और उनका पूरा परिवार कही और शिफ्ट हो गया है।

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पहुंचीं घर तो...
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 44 वर्षीय कनकदुर्गा ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अदालत में एक याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि उसे अपने पति के घर पर रहने का अधिकार है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोझीकोड मेडिकल कॉलेज से छुट्टी मिलने के बाद कनकदुर्गा अपने पति के घर पहुंचीं, लेकिन वहां ताला लटका हुआ था। कनकदुर्गा के साथ हफ्तेभर पहले ही कथित तौर पर उनकी सास ने मारपीट की थी, जो उनके सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने से खासा नाराज थीं। इस हमले में घायल हुई कनकदुर्गा का कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था।

किराए के घर में शिफ्ट हुए ससुरालवाले 
पुलिस ने बताया, 'उनके पति और अन्य रिश्तेदार किराए के एक घर में शिफ्ट हो गए है।' अपनों की इस बेरुखी को झेल रही कनकदुर्गा सरकारी आश्रय गृह में शरण लेने को मजबूर हो गई हैं।

दो जनवरी को मंदिर में बिंदु और कनकदुर्गा ने किया था प्रवेश
गौरतलब है कि कनकदुर्गा ने महिला साथी बिंदु के साथ दो जनवरी को भगवान अयप्पा के दर्शन कर सबरीमाला मंदिर की 800 साल पुरानी प्रथा को तोड़ा था। दोनों ने मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी। जिसके बाद पूरे राज्य के हिंसक प्रदर्शन हुए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली दो महिलाएं कनकदुर्गा और बिंदु हैं।

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