आयुष्मान भारत के पंजीकरण में सीएससी के ग्रामीण स्तर उद्यमियों की भूमिका हुई अहम

सीएससी के लिए आयुष्मान भारत योजना डूबते को तिनके का सहारा बन कर सामने आयी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 09 Dec 2018 07:00 PM (IST) Updated:Sun, 09 Dec 2018 07:00 PM (IST)
आयुष्मान भारत के पंजीकरण में सीएससी के ग्रामीण स्तर उद्यमियों की भूमिका हुई अहम
आयुष्मान भारत के पंजीकरण में सीएससी के ग्रामीण स्तर उद्यमियों की भूमिका हुई अहम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आधार के बाद अब आयुष्मान भारत के अंतर्गत लाभार्थियों के पंजीकरण में देश भर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर के ग्रामीण स्तर उद्यमियों की भूमिका अहम हो गई है। इस काम में सीएससी ने जम्मू कश्मीर में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है जहां ये सेंटर चलाने वालों ने करीब ढाई लाख लाभार्थियों का पंजीकरण प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए किया है। इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण स्तर के ये उद्यमी अब तक करीब साढ़े सात लाख लाभार्थियों को आयुष्मान स्कीम के साथ जोड़ चुके हैं।

जम्मू कश्मीर के कठिन हालात में भी सीएससी ने जोड़े ढाई लाख से ज्यादा लाभार्थी

जम्मू कश्मीर में 3500 सीएससी को करीब छह लाख लाभार्थियों के पंजीकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभी तक राज्य में करीब ढाई लाख आवेदन पत्र मंजूर किये जा चुके हैं। सीएससी के सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर के लोगों में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आने वाली आयुष्मान भारत स्कीम को लेकर काफी उत्साह है। यही वजह है कि आमतौर पर अशांत रहने वाले जिलों अनंतनाग, बारामुला, बडगाम, पुलवामा, कुलगाम, गंदरबल में भी बड़ी संख्या में इस स्कीम में लोग पंजीकरण कराने के लिए आगे आए हैं।

सीएससी के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी ने बताया कि आयुष्मान भारत स्कीम के तहत सीएससी को तीन प्रमुख काम करने हैं। पंजीकरण के साथ साथ सीएससी के पास इस स्वास्थ्य योजना की पब्लिसिटी और एडवोकेसी की जिम्मेदारी भी है। इसकी वजह से पंजीकरण के लिए लोगों की भीड़ कॉमन सर्विस सेंटरों पर उमड़ रही है।

सीएससी को पूरे देश में आयुष्मान भारत योजना के लिए 20 लाख लाभार्थियों का पंजीकरण करना है। इनमें से 7.49 लाख से अधिक लोगों के आवेदन भी स्वीकार किये जा चुके हैं। सबसे ज्यादा लाभार्थियों की पहचान झारखंड में हुई है। हालांकि स्वीकृत आवेदन के मामले में जम्मू कश्मीर अब तक सबसे आगे चल रहा है। इसके अलावा शीर्ष पांच राज्यों में मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।

सीएससी के लिए आयुष्मान भारत योजना डूबते को तिनके का सहारा बन कर सामने आयी है। सीएससी से आधार का पंजीकरण वापस लेने के बाद ग्रामीण स्तर के उद्यमियों के लिए आय का एक बड़ा स्त्रोत खत्म हो गया था।

हालांकि सीएससी के सीईओ के कड़े प्रयासों के बाद सरकार इसके लिए अब तैयार होती दिख रही है। पिछले दिनों ही इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सीएससी को इस बात का भरोसा दिया है कि उन्हें आधार के पंजीकरण व अपडेट की सुविधा फिर से प्रदान की जाएगी।

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