धोती वाले जज को क्लब में नहीं घुसने देने पर सियासी गरमी
धोती पहनने के चलते हाईकोर्ट के वर्तमान जज को क्लब में प्रवेश नहीं देने पर तमिलनाडु की राजनीति गरमा गई है। डीएमके और कांग्रेस ने घटना की निंदा की है तो माकपा मुद्दे को जारी विधानसभा सत्र में उठाने के लिए कमर कस चुकी है। डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि और तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बीएस ज्ञानदेसिकन
चेन्नई। धोती पहनने के चलते हाईकोर्ट के वर्तमान जज को क्लब में प्रवेश नहीं देने पर तमिलनाडु की राजनीति गरमा गई है। डीएमके और कांग्रेस ने घटना की निंदा की है तो माकपा मुद्दे को जारी विधानसभा सत्र में उठाने के लिए कमर कस चुकी है।
डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि और तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बीएस ज्ञानदेसिकन ने सार्वजनिक कार्यक्रम में किसी भी तरह के ड्रेस कोड को लेकर सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। करुणानिधि ने कहा कि धोती तमिल संस्कृति का हिस्सा है। इसे पहनने वाले को सार्वजनिक कार्यक्रम में न जाने देना निंदनीय है।
विधानसभा में माकपा नेता ए सुंदरराजन ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएगी। पीएमके के संस्थापक एस रामदॉस ने कहा कि राज्य सरकार को तमिल संस्कृति का सम्मान न करने वाले ऐसे क्लबों पर प्रतिबंध लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।
मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस डी हरिपरंथमन को हाल ही में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन क्लब में जाने से रोक दिया गया था। जब वह क्लब में हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस टीएस अरुणाचलम की पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में पहुंचे, तो क्लब के स्टाफ ने उनसे कहा कि क्लब के ड्रेस कोड के अलावा दूसरी ड्रेस में प्रवेश मान्य नहीं होगा। जज ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि क्लब को अपने सदस्यों के अलावा बाकी लोगों के लिए ऐसा नियम नहीं बनाना चाहिए। इसे बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।
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