इस पर्वतारोही ने बढ़ाया देश का मान, यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर फहराया तिरंगा

रत्नेश ने माउन्ट एल्ब्रुस को फतेह करने के साथ ही इस शिखर पर दो बार सफलतापूर्वक चढ़ाई की और एल्ब्रुस की पूर्वी और पश्चिमी शिखर दोनों में तिरंगा लहराया।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Aug 2018 03:03 PM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 03:03 PM (IST)
इस पर्वतारोही ने बढ़ाया देश का मान, यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर फहराया तिरंगा
इस पर्वतारोही ने बढ़ाया देश का मान, यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर फहराया तिरंगा

भोपाल [ जेएनएन ]। मध्य प्रदेश के पर्वतारोही रत्नेश पाण्डेय ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक अद्भुत कारनामा कर सभी भारतीयों को गौरवान्वित किया है। उन्होंने यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एल्ब्रुस (18,511 फीट) पर तिरंगा फहराया है।

रत्नेश ने माउन्ट एल्ब्रुस को फतेह करने के साथ ही इस शिखर पर दो बार सफलतापूर्वक चढ़ाई की और एल्ब्रुस की पूर्वी और पश्चिमी शिखर दोनों में तिरंगा लहराया। पहले उत्तर की तकनीकी चढ़ाई कर दक्षिण और फिर दक्षिण से उत्तर का सफर पूरा किया।

माउंट एलब्रुस विषम मौसम परिस्थितियों के लिए प्रसिद्ध है। रत्नेश ने इस अंतरराष्ट्रीय अभियान में आवाहन सामाजिक संस्था के तत्वाधान में 'कीप द माउंटेन क्लीन' का संदेश दिया। उन्होंने खेल और युवा कल्याण विभाग मप्र का झंडा भी फहराया। दिल जोड़ो अभियान के तहत भारत-पाकिस्तान की मित्रता का संदेश दिया। इसके पहले रत्नेश ने एवरेस्ट की ऊंचाई पर पहुंचकर राष्ट्रीय गीत गाया था और एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराने के अपने सपने को पूरा किया है।

'नेवर गिव अप' का सिद्धांत

भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के प्रोफेशनल माउंटेनियर रत्नेश का मानना है कि जीवन के किसी भी मुकाम पर 'नेवर गिव अप' का सिद्धांत फॉलो करना चाहिए। अगर इरादों में मजबूती हो और मन में विश्वास हो तो इंसान अपने हर सपने को पूरा कर सकता है। इसलिए आगे बढ़ने के सपने जरूर देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए मानसिक बल और सकारात्मक सोच का साथ होना सबसे ज्यादा आवश्यक है। जीवन में कठिनाइयां तो आएंगी ही, इनसे हार कर या निराश होकर रुक जाना गलत है। जो इनसे लड़कर आगे बढ़ता है, जीत उसी की मुट्ठी में होती है।

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