Chhattisgarh : बैलाडीला के पहाड़ पर मिलते हैं पौराणिक कथाओं में वर्णित दुर्लभ तक्षक सांप

तक्षक सांप दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला के पहाड़ों पर मिलता है। यह हवा में 50-60 फीट तक छलांग लगा सकता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 25 Apr 2020 12:38 AM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2020 12:38 AM (IST)
Chhattisgarh : बैलाडीला के पहाड़ पर मिलते हैं पौराणिक कथाओं में वर्णित दुर्लभ तक्षक सांप
Chhattisgarh : बैलाडीला के पहाड़ पर मिलते हैं पौराणिक कथाओं में वर्णित दुर्लभ तक्षक सांप

अनिल मिश्रा, जगदलपुर। बस्तर के वनों में दुर्लभ वन्य प्रजातियों का बसेरा है। पौराणिक हिंदू कथाओं में वर्णित तक्षक सांप इन्हीं में से एक है। तक्षक सांप दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला पहाड़ों पर मिलता है। यह हवा में 50-60 फीट तक छलांग लगा सकता है। इसकी खोज किरंदुल कालेज में जीव विज्ञान शास्त्र के प्राध्यापक रहे एचकेएस गजेंद्र ने कुछ साल पहले की थी।

हवा से हवा में लंबी छलांग लगाता है तक्षक सांप 

प्राध्यापक गजेंद्र ने बताया कि तक्षक सांप जगदलपुर के पास तीरथगढ़ जलप्रपात के इलाके में भी देखा गया है, पर बैलाडीला में अक्सर दिख जाता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे ग्लाइडिंग स्नेक कहा जाता है। यह मांसपेशियों में हवा भर लेता है जिससे वजन हल्का हो जाता है। इसके बाद हवा से हवा में लंबी छलांग लगाता है।

मध्यम विषैला श्रेणी का है सांप 

उन्‍होंने बताया कि तक्षक सांप को विषैला तो नहीं कहा जा सकता पर यह विषहीन भी नहीं है। सरीसृप विज्ञानी सांपों को तीन वर्ग में बांटते हैं। अति विषैला, मध्यम विषैला और विषहीन। यह मध्यम विषैला श्रेणी का सांप है। इसके जहर के असर से मनुष्यों में हल्की निश्चेतना की अनुभूति तो होगी पर मृत्यु नहीं होगी। इसका जहर छोटे जंतुओं गिलहरी आदि पर गहरा असर करता है। अपने जहर का इस्तेमाल यह शिकार के लिए करता है।

पुराणों में उल्लेख

तक्षक का उल्लेख हिंदू पुराणों की एक कथा में मिलता है। इसके अनुसार श्रंगी ऋषि ने राजा परीक्षित को शाप दिया था कि उनकी मृत्यु तक्षक सांप के डसने से होगी। राजा परीक्षित की मौत के बाद उनके पुत्र जनमेजय ने सांपों से बदला लेने के लिए यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ कुंड में सांप आकर गिरने लगे। तब तक्षक राजा इंद्र की शरण में गया। यज्ञ करने वाले ब्राम्हण में तक्षक सांप की आहुति डाली तो तक्षक आकाश से यज्ञ में गिरने लगे। तब ऋषि आस्तीक ने अपने मंत्रों की शक्ति से तक्षक सांप को आकाश में ही रोककर स्थिर कर दिया।

बेहद फुर्तीला होता है तक्षक

तक्षक का वैज्ञानिक नाम कराइसोपेलिया आर्नेटा है। इसे गलाइडिंग स्नेक भी कहा जाता है। उड़ते या छलांग लगाते समय यह अपने शरीर को अंग्रजी के एस अक्षर के आकार में मोड़ देता है। बैलाडीला का रहवास इसके लिए अनुकूल है। गजेंद्र ने बताया कि तक्षक ठंडे शुष्क स्थलों पर पाए जाते हैं। ये विलुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल हैं।

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