रक्षाबंधन: कोरोना पॉजिटिव भाइयों को नर्स स्टाफ ने राखी बांधकर की जल्द स्वस्थ होने की कामना
कोरोना की लड़ाई में डॉक्टर सफाईकर्मी पुलिस नर्स स्टाफ 108 एम्बुलेंस चालक रात-दिन लगे हुए हैं। रक्षाबंधन के त्योहार पर घर नहीं जा सके।
विदिशा, राज्य ब्यूरो। कोरोना की लड़ाई में डॉक्टर, सफाईकर्मी, पुलिस, नर्स स्टाफ, 108 एम्बुलेंस चालक आदि अपने घर-परिवार की चिंता किए बगैर रात-दिन लगे हुए हैं। कई कर्मचारी इस साल रक्षाबंधन के त्योहार पर घर नहीं जा सके। खासकर कोविड सेंटर में तैनात नर्स स्टाफ ने सेंटर में भर्ती पॉजिटिव भाइयों को राखी बांधकर पर्व मनाया। उनका कहना है कि इन भाइयों की सेवा भी जरूरी है। इसलिए उन्होंने इस साल पॉजिटिव भाइयों को रक्षासूत्र बांधकर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
रक्षाबंधन पर परिवार से दूर हूं, पॉजिटिव भाइयों को बांधा रक्षासूत्र
कुरवाई निवासी नर्स पूजा पंथी का कहना है कि जीवन में पहला मौका है जब रक्षाबंधन के त्योहार पर परिवार से दूर हूं। मैं अपने दोनों भाइयों को राखी ले जाकर बांधती थी, लेकिन इस साल संक्रमण के चलते पिछले 4 माह से मैं अपने घर नहीं गई। उन्होंने बताया कि पहले 3 माह तक उनकी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में रही। इसके बाद अब कोविड सेंटर में ड्यूटी लगाई गई है।
कोरोना टेस्ट फिर 7 दिन क्वारंटाइन होना पड़ेगा इसलिए अवकाश नहीं लिया
पहले मन था कि अवकाश लेकर राखी बांधने चली जाऊं, लेकिन, यहां से जाने से पहले कोरोना टेस्ट होगा। फिर 7 दिन क्वारंटाइन होना पड़ेगा। इसलिए सेंटर में भर्ती भाइयों को राखी बांधकर त्योहार मनाया। मेरे साथ विनीता श्रीवास्तव, शीतल अहिरवार, प्रियंका गोंड, वैशाली अहिरवार भी ड्यूटी कर रही हैं। हम पांच नर्स स्टाफ मिलकर यहां भर्ती पॉजिटिव भाईयों की सेवा में जुटे हैं।
बहन करती रही इंतजार..
बहन करती रही इंतजार.. पिछले 15 साल में यह पहला मौका है जब बहन अपने ससुराल में मेरे आने की राह देखती रही, लेकिन मैं उसे लाने के लिए वहां नहीं जा सका। यह कहना है कि जिला अस्पताल में रोगी कल्याण समिति की एम्बुलेंस चालक बांकेलाल सोनी का। उन्होंने बताया कि जहां भी संक्रमित मरीज की जानकारी मिलती है तो वह स्टाफ को लेकर नमूना लेने जाते हैं। पिछले 4 माह से उन्हें अवकाश नहीं मिला। हालांकि रक्षाबंधन के दिन सोमवार को अवकाश मिला, लेकिन, बहन ससुराल में थी। लॉकडाउन के कारण वह जा भी नहीं सके।