अब ट्रेन से नहीं विमान से सफर करेंगे Indian Railways के अधिकारी, जानिए क्या है वजह

Indian Railways दक्षिण-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए कहा कि इससे अधिकारियों को काम करने का और अधिक समय मिलेगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 04 Aug 2019 08:58 PM (IST) Updated:Sun, 04 Aug 2019 11:57 PM (IST)
अब ट्रेन से नहीं विमान से सफर करेंगे Indian Railways के अधिकारी, जानिए क्या है वजह
अब ट्रेन से नहीं विमान से सफर करेंगे Indian Railways के अधिकारी, जानिए क्या है वजह

नई दिल्ली, प्रेट्र। दक्षिण पश्चिम रेलवे ने अपने अधिकारियों को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में होने वाली बैठकों में भाग लेने के लिए विमान से सफर करने की अनुमति दे दी है। दरअसल, इन शहरों तक जाने के लिए अगर कोई अधिकारी एसी-फ‌र्स्ट और एसी-सेकेंड से यात्रा करता है तो जाने और आने में लगने वाले समय और किराया को मिला लिया जाए तो यह हवाई किराए की तुलना में महंगा पड़ता था। इसी के चलते अधिकारियों ने इन शहरों में जाने के लिए हवाई यात्रा की मंजूरी देने का आग्रह किया था।

कर्नाटक के हुबली में स्थित दक्षिण-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए कहा कि इससे अधिकारियों को काम करने का और अधिक समय मिलेगा। विमान यात्रा के प्रस्ताव को मंजूरी देने के संबंध उप महाप्रबंधक ने 31 जुलाई को महाप्रबंधक को एक पत्र लिखा था।

इसमें कहा गया था, 'दक्षिण-पश्चिम रेलवे के किसी भी क्षेत्र से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जाने में 12 घंटे से अधिक का समय लगता है। ऐसे में अगर यात्रा में लगने वाले समय और किराए को मिला लिया जाए तो यह हवाई किराए की तुलना में अधिक पड़ता है।'

पत्र में यह भी कहा गया कि रेलवे बोर्ड शार्ट नोटिस पर बैठक बुलाता है। ऐसे में एक अधिकारी को दिल्ली में होने वाली दो घंटे की बैठक के लिए लगभग तीन दिनों की यात्रा करनी पड़ती है।

महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने एक अगस्त को इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा, यह निर्णय केंद्र सरकार की प्रक्रियाओं के अनुरूप है। यह आदेश भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की उस रिपोर्ट के एक साल बाद आया है, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि 13 क्षेत्रों के हवाई किराए के साथ तुलना करने से पता चलता है कि ट्रेन की तुलना में हवाई यात्रा सस्ती है। इस रिपोर्ट के बाद ही रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर वाली ट्रेनों की संख्या में कटौती का निर्णय लिया था।

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