चलती ट्रेन में महिला को दुष्कर्म से बचाने वाले कांस्टेबल को बहादुरी पुरस्कार
आरपीएफ कांस्टेबल के शिवाजी जब दो साथियों के साथ 23 अप्रैल को ट्रेन में गश्त कर रहे थे, तभी उन्हें एक कोच से मदद के लिए महिला के चीखने की आवाज सुनाई दी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चलती ट्रेन में महिला को दुष्कर्म से बचाने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आरपीएफ के कांस्टेबल को एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और पदक देने का आदेश दिया है। घटना चेन्नई के नजदीक की है।
आरपीएफ कांस्टेबल के शिवाजी जब दो साथियों के साथ 23 अप्रैल को ट्रेन में गश्त कर रहे थे, तभी उन्हें एक कोच से मदद के लिए महिला के चीखने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद चेन खींचकर ट्रेन को रुकवाया गया। ट्रेन जैसे ही धीमी हुई, वैसे ही शिवाजी अपने कंपार्टमेंट से कूदकर उस बोगी की ओर भागे, जहां से महिला की आवाज आती प्रतीत हुई थी। जल्द ही वह उस बोगी में पहुंच गए जहां एक आदमी एक युवती के साथ दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था। कांस्टेबल शिवाजी ने तत्काल उस युवती को आदमी से छुड़ाया। तब तक युवती के कपड़े फट चुके थे और उसके शरीर के कई हिस्सों से खून निकल रहा था।
रेल मंत्री गोयल ने 2018 को महिला सुरक्षा वर्ष घोषित किया है। इस दौरान हुई घटना में रोकने के लिए सक्रियता और बहादुरी दिखाने के लिए कांस्टेबल शिवाजी को पुरस्कृत किया गया है। अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए शिवाजी के तत्परता दिखाने की भी गोयल ने प्रशंसा की है। इसीलिए मंत्रालय ने उन्हें खासतौर पर पुरस्कृत और वीरता पदक देने का फैसला किया है।