परेड में किया गया एंटी सेटेलाइट मिसाइल और एयर डिफेंस रडार का प्रदर्शन, दुनिया को दिखाई धमक
गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर आयोजित परेड में इस बार डीआरडीओ की मिशन शक्ति की ऐंटी-सेटेलाइट मिसाइल और एयर डिफेंस टैक्टिकट कंट्रोल रडार का भी प्रदर्शन किया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर रविवार को राजपथ पर आयोजित परेड में इस बार डीआरडीओ की मिशन शक्ति की ऐंटी-सेटेलाइट मिसाइल और एयर डिफेंस टैक्टिकट कंट्रोल रडार का भी प्रदर्शन किया गया। बता दें कि इन दोनों ने ही भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत किया है। इसके बाद भारत उस खास क्लब का हिस्सा बन गया, जिसमें सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस शामिल थे।
Delhi: Lieutenant Vivek Vijay More, of 140 Air Defence Regiment, leads the Air Defence Tactical Control Radar being showcased at the parade at Rajpath. #RepublicDay pic.twitter.com/CxFg2wamOu— ANI (@ANI) January 26, 2020
ASAT और ADTCR की ये है खासियत
पिछले साल 27 मार्च को भारत ने एंटी सैटलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। परीक्षण के दौरान इस मिसाइल ने पृथ्वी की सतह से 300 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित 'लो अर्थ ऑर्बिट' पर अपने ही एक डीकमीशन हो चुके सैटलाइट को मार गिराया था। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद इस तरह की ताकत का प्रदर्शन करने वाला भारत चौथा देश बन गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस सफलता के लिए राष्ट्र के नाम देश के लोगों को संबोधित किया था।
कॉवर्ट टेक्नॉलॉजी को विकसित करने वाला पहला देश बना भारत
सेटेलाइट को 'हिट टू किल' मोड में 10 सेंटीमीटर की दूरी पर नष्ट किया गया। इस दौरान सेटेलाइट और मिसाइल 11 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से एक-दूसरे की तरफ बढ़ रहे थे। सटीक तरीके से दुश्मन के सेटलाइट को मार गिराने वाली इस कॉवर्ट टेक्नॉलॉजी को विकसित करने वाला पहला देश भारत बना। खास बात है कि डीआरडीओ DRDO ने इस पूरे सिस्टम को बनाने, डिजाइन करने, इंटिग्रेट और सफलतापूर्वक परीक्षण करने में सिर्फ 2 साल का समय लिया।