'मारपीट का मूड नहीं, घर चले जाओ'

आपका बच्चा पढ़ने-लिखने में तेज है, अच्छी बात है, पर यह काफी नहीं है। इनकी सिधाई का नाजायज फायदा उठाने वाले भी घूम रहे हैं। थोड़ी होशियारी और दुनियादारी की समझ बहुत जरूरी है, वर्ना तलाश में घूम रहे शिकारी का निशाना बन जाएगा। ऐसा ही हुआ किदवईपुरी में रहने वाले अमन के साथ। टप्पेबाजों के फेर में

By Edited By: Publish:Sat, 20 Apr 2013 09:18 AM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2013 09:19 AM (IST)
'मारपीट का मूड नहीं, घर चले जाओ'

शैलेन्द्र शर्मा, पटना। आपका बच्चा पढ़ने-लिखने में तेज है, अच्छी बात है, पर यह काफी नहीं है। इनकी सिधाई का नाजायज फायदा उठाने वाले भी घूम रहे हैं। थोड़ी होशियारी और दुनियादारी की समझ बहुत जरूरी है, वर्ना तलाश में घूम रहे शिकारी का निशाना बन जाएगा। ऐसा ही हुआ किदवईपुरी में रहने वाले अमन के साथ। टप्पेबाजों के फेर में पड़ कर वह मोबाइल तो गवां ही बैठा, जाते-जाते दो युवकों ने आज मारपीट का मूड नहीं है, चुपचाप घर चले जाओ कह दहशत में डाल दिया। अब पीड़ित युवक शिकायत दर्ज कराने को थाने का चक्कर लगा रहा है। घटना एपी वर्मा रोड की है।

वाकया दिलचस्प है। अमन एक्जीबिशन रोड में कोचिंग पढ़ता है। सुनिए अमन (20) की जुबानी - गुरुवार की शाम लगभग 5.30 बजे कोचिंग से बाहर निकल ड्राइवर को फोन कर रहा था। तभी उसी की उम्र के दो युवक पास आए और बोले - एक मिनट अपना मोबाइल देंगे, हमारी बैट्री डिस्चार्ज हो गई है, जरूरी फोन करना है। चेहरे और कपड़ों से अच्छे घर के लग रहे थे, उसने अपना फोन दे दिया। एक युवक ने कहीं फोन लगाया और बात करने लगा। तभी दूसरे ने मजबूरी बता दवा के लिए सौ रुपये भी झटक लिए। दूसरा युवक एक दवा दुकान की ओर बढ़ा, तो साथी युवक भी उसके पीछे चल दिया। मोबाइल से बात करते जा रहे युवक के पीछे अमन भी चला, आखिर मोबाइल जो लेना था। इसी कड़ी में युवकों ने दवा न मिलने की बात कह दो दुकानें और छानीं। जब अमन ने मोबाइल मांगा, तो युवक के चेहरे का भाव बदल गया। उसने मोबाइल जेब में रख लिया। शुरू हुआ सवाल-जवाब को दौर। खुद को रिषभ बता रहे युवक ने अमन से पूछा- कहां रहते हो? किदवईपुरी में। अच्छे घर के लगते हो, फोन महंगा है? हां, पापा ने खरीद कर दिया है। पापा क्या काम करते हैं? अखबार में हैं। बातचीत के दरम्यान दोनों युवक चिरैयाटांड पुल के पास पहुंच गए। रिषभ नामक युवक ने सिम निकाल कर दे दिया और बोला- आज मारपीट का मूड नहीं है, चुपचाप घर चले जाओ।

एक नंबर (9693815282) देते हुए बोले - कल फोन करना और मोबाइल ले जाना। रुआंसा मुंह बना घर पहुंचे अमन ने जब परिजनों को पूरी कहानी बताई, तो वे लोग समझ गए कि बेटा टप्पेबाजी का शिकार हो गया। अब आगे की बात। शिकायत दर्ज कराने जब अमन थाना पहुंचा, तो मुंशी जी ने सुबह दस बजे बुलाया। आज पहुंचा, तो कह दिया गया कि आज रामनवमी है, कल आना।

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