विरोधस्वरूप अरुंधती को भेजी महात्मा गांधी की आत्मकथा

तिरुअनंतपुरम। केरल में एक गांधीवादी मंच के सदस्यों ने विरोध का आदर्श स्वरूप अपनाते हुए बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका अरुंधती रॉय को विरोधस्वरूप महात्मा गांधी की आत्मकथा भेजी है। रॉय ने हाल ही में राष्ट्रपिता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसका देशभर में काफी विरोध हुआ था। गैर सरकारी संगठन महात्मा गांधी नेशनल फाउंडेशन के सद

By Edited By: Publish:Tue, 22 Jul 2014 05:44 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jul 2014 05:45 PM (IST)
विरोधस्वरूप अरुंधती को भेजी महात्मा गांधी की आत्मकथा

तिरुअनंतपुरम। केरल में एक गांधीवादी मंच के सदस्यों ने विरोध का आदर्श स्वरूप अपनाते हुए बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका अरुंधती रॉय को विरोधस्वरूप महात्मा गांधी की आत्मकथा भेजी है। रॉय ने हाल ही में राष्ट्रपिता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसका देशभर में काफी विरोध हुआ था।

गैर सरकारी संगठन महात्मा गांधी नेशनल फाउंडेशन के सदस्य सोमवार को कोंट्टायम जिले में पाला के पोस्ट ऑफिस के सामने इकट्ठा हुए और रॉय को गांधी की आत्मकथा 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' की एक प्रति भेजी। पिछले सप्ताह केरल यूनिवर्सिटी में अपने व्याख्यान में रॉय ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने ये भी कहा था कि जिन संस्थानों के नाम उनके नाम पर रखे गए थे, वे बदल दिए जाएं। इसकी शुरुआत यूनिवर्सिटीज के नाम बदले जाने से की जानी चाहिए। केरल में 19वीं सदी के दलित मुक्ति नेता अय्यंकली के सम्मान में भाषण देने के दौरान रॉय ने कहा, समाज के पददलित वर्गो के नेताओं को नजरंदाज किया जा रहा है।

गांधी के खिलाफ टिप्पणी को गंभीर अपवाद के रूप में लेते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष एबी जे जोस ने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान को लेकर प्रशासन को रॉय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। अपने बयान में उन्होंने कहा, गांधी के प्रति इस तरह का रुख अपनाकर रॉय ने क्या श्रेष्ठता हासिल कर ली।

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