बच्चे को दादा-दादी से मिलने से रोकना सही नहीं : हाई कोर्ट

महिला ने सास-ससुर की ओर से अच्छा व्यवहार नहीं होने का दिया था तर्क।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 09:56 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 09:56 AM (IST)
बच्चे को दादा-दादी से मिलने से रोकना सही नहीं : हाई कोर्ट
बच्चे को दादा-दादी से मिलने से रोकना सही नहीं : हाई कोर्ट

मुंबई, प्रेट्र। बांबे हाई कोर्ट ने मुंबई निवासी एक महिला को निर्देश दिया है कि वह अपने 10 वर्षीय बेटे को हफ्ते में एक बार अपने पूर्व सास-ससुर से मिलने दे या फिर जब भी वे दिल्ली से मुंबई आएं। अदालत ने टिप्पणी की कि बच्चे को अपने दादा-दादी से मिलने से रोकना सही नहीं है।

जस्टिस एसजे कथावल्ला और बीपी कोलाबावल्ला की खंडपीठ ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक महिला द्वारा पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। पुनर्विवाह कर चुकी इस महिला ने दावा किया था कि जब उसकी पहली शादी हुई थी तब उसके सास-ससुर ने अच्छा व्यवहार नहीं किया था। बच्चे (लड़का) का जन्म दिसंबर, 2009 में हुआ था और उसके पिता की फरवरी, 2010 में मृत्यु हो गई थी।

इसके बाद महिला अपने माता-पिता के यहां चली गई थी और फिर पुनर्विवाह कर लिया था। हाई कोर्ट ने महिला का तर्क अस्वीकार करते हुए कहा कि उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया था, यह बच्चे को अपने दादा-दादी से नहीं मिलने देने का आधार नहीं हो सकता। अगर बच्चा अभी तक अपने दादा-दादी से नहीं मिल पाया है तो याचिकाकर्ता ही जिम्मेदार है। पारिवारिक अदालत ने महिला को आदेश दिया था कि वह हर शनिवार को अदालत परिसर में बच्चे को अपने दादा-दादी से मिलने दे।

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