अब थर्ड पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम बढ़ाने की तैयारी

केवल 1000 सीसी से कम क्षमता की छोटी कारों को इससे बख्शा गया है।

By Mohit TanwarEdited By: Publish:Sun, 05 Mar 2017 08:10 PM (IST) Updated:Sun, 05 Mar 2017 09:17 PM (IST)
अब थर्ड पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम बढ़ाने की तैयारी
अब थर्ड पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम बढ़ाने की तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीमा नियामक आइआरडीएआइ ने पहली अप्रैल से थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम की दरों में 50 फीसद तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। केवल 1000 सीसी से कम क्षमता की छोटी कारों को इससे बख्शा गया है।

कारें :

आइआरडीएआइ ने 1000 सीसी-1500 सीसी तक इंजन क्षमता वाली कारों पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम को मौजूदा 2055 रुपये से बढ़ाकर 3355 रुपये करने का प्रस्ताव किया है। दूसरी ओर, 1500 सीसी से अधिक क्षमता वाली बड़ी तथा एसयूवी कारों पर थर्ड पार्टी प्रीमियम मौजूदा 6164 रुपये से बढ़ाकर 9246 रुपये करने का प्रस्ताव है।

दुपहिया वाहन :

दुपहियों का थर्ड पार्टी प्रीमियम भी बढ़ाने की मंशा है। इसमें 75 सीसी-150 सीसी तक के दुपहियों पर थर्ड पार्टी प्रीमियम 619 रुपये से बढ़ाकर 720 रुपये, जबकि 150 सीसी-350 सीसी तक के दुपहियों का प्रीमियम 693 रुपये के बजाय 978 रुपये किया जा सकता है। दूसरी ओर 350 सीसी से अधिक क्षमता वाले दुपहियों के लिए 796 रुपये के बजाय 1194 रुपये का थर्ड पार्टी प्रीमियम अदा करना पड़ सकता है।

 ट्रक :

कॉमर्शियल वाहनों (ट्रकों) का थर्ड पार्टी प्रीमियम भी बढ़ेगा। इसमें 7.5 टन-12 टन भार वहन क्षमता वाले ट्रकों को अब 23,047 रुपये का थर्ड पार्टी प्रीमियम भरना पड़ सकता है। अभी यह 15,365 रुपये है। इसी प्रकार 12 टन-20 टन के ट्रकों का थर्ड पार्टी प्रीमियम 22,577 रुपये से बढ़कर 33,865 रुपये हो सकता है। जबकि 20-40 टन क्षमता के ट्रकों के लिए 24,708 रुपये के स्थान पर 37,062 रुपये थर्ड पार्टी प्रीमियम के बतौर अदा करने पड़ सकते हैं।

ट्रैक्टर :

ट्रैक्टरों को भी नहीं छोड़ा गया है। 6 एचपी तक के ट्रैक्टर का थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम 510 के बजाय 765 रुपये होगा।

थर्ड पार्टी बीमा जरूरी :

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 तथा मोटर वाहन नियमावली, 1989 के अनुसार सड़क दुर्घटना से प्रभावित/पीडि़त होने वाले लोगों (तीसरे पक्ष) के जान/माल के नुकसान की भरपाई व मुआवजे के लिए मोटर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। जबकि खुद के नुकसान की भरपाई वाला ओन डैमेज इंश्योरेंस ऐच्छिक है। दोनों को मिलाकर समग्र (कंप्रेहेंसिव) मोटर बीमा पॉलिसी लेने पर थर्ड पार्टी हिस्से के तौर पर 30 फीसद राशि देनी पड़ती है।

ग्राहकों को लग रही चपत :

इससे पहले सरकार मोटर वाहन संशोधन विधेयक के तहत मोटर दुर्घटना में मारे जाने वाले लोगों को मुआवजे की राशि को अधिकतम 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव कर चुकी है। जबकि अभी मोटर एक्सिडेंट ट्रिब्यूनल दुर्घटना पीडि़त की हैसियत और हालात के मुताबिक मुआवजे का निर्धारण करता है तो कई लाख से लेकर करोड़ों रुपये तक भी हो सकता है। यही वजह है कि संसद की परिवहन संबंधी समिति ने इस प्रस्ताव को नकार दिया है। मोटर संशोधन बिल में थर्ड पार्टी मोटर प्रीमियम की भी चर्चा है। माना जाता है कि विरोध की आशंका के मद्देनजर सरकार प्रीमियम की इन प्रस्तावित दरों को कुछ कम करने पर विवश हो सकती है।

डीएल/फिटनेस शुल्क बढ़ चुके :

इससे पहले केंद्र सरकार एक जनवरी, 2017 से ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन फिटनेस जांच व सर्टिफिकेट के शुल्कों में कई गुना बढ़ोतरी कर चुकी है। लर्निग लाइसेंस की फीस 30 के बजाय 200 रुपये, जबकि मोहलत अवधि के बाद डीएल नवीकरण की फीस 150 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दी गई है। दुपहियों के फिटनेस टेस्ट के लिए नया शुल्क 60 रुपये के बजाय 200 रुपये (मैनुअल) व 400 रुपये (आटोमेटेड) है। इसी तरह तिपहियों का 200 रुपये के बजाय 400 व 600 रुपये तथा भारी वाहनों का 500 रुपये के बजाय 600 रुपये व 1000 रुपये कर दिया गया है। भारी विरोध के बाद अब सरकार ने राज्यों को इन दरों में अपने स्तर पर कमी करने का अधिकार दिया है। लेकिन किसी भी राज्य ने अभी तक बढ़ी दरें कम नहीं की हैं।

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