प्रदीप शुक्ला ने बीमारियों की दुहाई दे मांगी जमानत

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआर एचएम] घोटाले में आरोपी उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस प्रदीप शुक्ला जमानत की गुहार लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं। शुक्ला ने गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के आधार पर जमानत दिए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट शुक्ला की जमानत अर्जी पर 23 जून को स

By Edited By: Publish:Sat, 21 Jun 2014 09:18 AM (IST) Updated:Sat, 21 Jun 2014 09:19 AM (IST)
प्रदीप शुक्ला ने बीमारियों की दुहाई दे मांगी जमानत

नई दिल्ली [माला दीक्षित]। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआर एचएम] घोटाले में आरोपी उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस प्रदीप शुक्ला जमानत की गुहार लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं। शुक्ला ने गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने के आधार पर जमानत दिए जाने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट शुक्ला की जमानत अर्जी पर 23 जून को सुनवाई करने को तैयार हो गया है। शुक्ला एनआरएचएम घोटाले के समय उत्तर प्रदेश में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य व परिवार कल्याण) थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गत 26 मई को शुक्ला की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद वे शीर्ष अदालत आए हैं। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और अदालत में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुका है।

वरिष्ठ आइएएस की ओर से जमानत अर्जी पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया गया था जिसे स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को सुनवाई की मंजूरी दे दी है। दाखिल अर्जी में बीमारियों की लंबी फेहरिस्त दी गई है। कहा गया है कि उन्हें स्पाइनल ट्यूमर है। इसके अलावा वह ट्रांसिट एस्माइट एटैक (टीआइए) रोग से ग्रस्त हैं। इस बीमारी में दिमाग की धमनियों में खून का थक्का जम जाता है जिससे लकवा आदि होने की आशंका रहती है। इस बीमारी का इलाज टीपीए थैरेपी है जिसमें खून को पतला करने की दवाई इंजेक्ट की जाती है। टीआइए स्ट्रोक होने के तीन घंटे के भीतर टीपीए थैरेपी करानी होती है। ज्यादा देर होने पर दिमाग को स्थायी नुकसान हो सकता है।

अर्जी में कहा गया है कि टीपीए थैरेपी का इलाज सिर्फ एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, अपोलो और मेदांता में उपलब्ध है। गाजियाबाद जेल या गाजियाबाद के किसी अस्पताल में इसका इलाज उपलब्ध नहीं है। मेरठ मेडिकल कॉलेज में भी इलाज नहीं है।

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