Raisina Dialogue: तुर्किये को संकेत, ग्रीस व अर्मेनिया रायसीना डायलॉग में होंगे शामिल; PM मोदी आज करेंगे उद्घाटन

वैश्विक कूटनीतिक विमर्श का एक बेहद महत्वपूर्ण मंच बन चुके रायसीना डायलॉग के इस वर्ष के आयोजन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार (21 फरवरी 2024) को करेंगे। मोदी के साथ होंगे ग्रीस के प्रधानमंत्री काइरियाकोस मित्सोताकिस। भारतीय विदेश मंत्रालय और आब्जर्बर रिसर्च फाउंडेशन के इस आयोजन के पहले सत्र में भारत और अर्मेनिया के रिश्तों के भविष्य व संभावनाओं पर चर्चा होगी।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary Publish:Wed, 21 Feb 2024 12:05 AM (IST) Updated:Wed, 21 Feb 2024 12:05 AM (IST)
Raisina Dialogue: तुर्किये को संकेत, ग्रीस व अर्मेनिया रायसीना डायलॉग में होंगे शामिल; PM मोदी आज करेंगे उद्घाटन
ग्रीस के पीएम के साथ मिलकर पीएम मोदी रायसीना डायलॉग का करेंगे उद्घाटन। (फाइल फोटो)

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। वैश्विक कूटनीतिक विमर्श का एक बेहद महत्वपूर्ण मंच बन चुके रायसीना डायलॉग के इस वर्ष के आयोजन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार (21 फरवरी, 2024) को करेंगे। मोदी के साथ होंगे ग्रीस के प्रधानमंत्री काइरियाकोस मित्सोताकिस।

भारत-अर्मेनिया के रिश्तों पर चर्चा 

भारतीय विदेश मंत्रालय और आब्जर्बर रिसर्च फाउंडेशन के इस आयोजन के पहले सत्र में भारत और अर्मेनिया के रिश्तों के भविष्य व संभावनाओं पर चर्चा होगी। इसमें हिस्सा लेने के लिए अर्मेनिया के कुछ मंत्री और कई विशेषज्ञ भारत आ रहे हैं।

ग्रीस और अर्मेनिया के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि होंगे मौजूद

यह पहला मौका होगा जब ग्रीस और अर्मेनिया के उच्चस्तरीय प्रतिनिधि नई दिल्ली में होंगे। ये दोनों वो देश हैं जिनकी तुर्किये के साथ बहुत ही तल्ख रिश्ते हैं और इन दोनों के साथ हाल ही में भारत के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का सिलसिला शुरू हुआ है। इसे भारत की तरफ से तुर्किये को कूटनीतिक संकेत देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है जिसके राष्ट्रपति एर्दोगेन ना सिर्फ चीन व पाकिस्तान के सबसे करीबी सहयोग बन कर उभर रहे हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ लगातार बोलते भी रहे हैं।

रायसीना डायलॉग का नौंवा साल

रायसीना डायलॉग का यह नौंवा साल है। पिछले साल इसके मंच पर क्वाड देशों के चारों देशों (भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान) के विदेश मंत्री उपस्थित हुए थे। साथ ही पिछले वर्ष इसके सत्र में क्वाड देशों के सैन्य अधिकारियों ने हिंद प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों पर अपने विचार रखे थे।

रायसीना डायलॉग के कई सत्रों के जरिए हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व को लेकर काफी प्रखर सोच सामने रखे गये हैं। लेकिन इस बार निशाने पर तुर्किये है। ग्रीस और अर्मेनिया दोनों के साथ तुर्किये के रिश्ते ऐतिहासिक तौर पर खराब हैं। वैसे रायसीना डायलॉग के विमर्श का केंद्र काफी व्यापक होता है। इस बार का थीम “चतुरंगा: विवाद, प्रतिस्पर्धा सहयोग व निर्माण'' रखा गया है। जिसके विभिन्न सत्रों में प्रौद्योगिकी उन्नयन से उत्पन्न होने वाली चुनौती से लेकर वर्ष 2030 के बाद की वैश्विक चुनौतियों जैसे मुद्दों पर बहस होगी। इस बार 115 देशों के 2500 प्रतिनिधि इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

ग्रीस के साथ भारतीय रिश्तों में सुधार

ग्रीस के साथ भारत ने अपने रिश्तों पर हाल ही में ध्यान देना शुरु किया है। अगस्त, 2023 में ही पीएम मोदी ने ग्रीस की यात्रा की थी जहां उन्हें सबसे बड़े नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया था। दूसरे वैश्विक मंचों पर भी मोदी ग्रीस के पीएम मित्सोताकिस से मुलाकात करते रहे हैं।

पिछले वर्ष ही दोनों देशों की नौ सेनाओं और वायु सेनाओं के बीच सहयोग की शुरुआत भी हुई है। वर्ष 2023 में दोनो देशों ने एक दूसरे को रणनीतिक सहयोगी करार दिया है। दूसरी तरफ, अर्मेनिया के साथ भी भारत अपने सैन्य व कूटनीतिक संबंधों को नई धार दे रहा है।

अर्मेनिया के रिश्तों को महत्व दे रहा भारत

अर्मेनिया को भारत कितना महत्व दे रहा है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि रायसीना डायलॉग के पहले सत्र में भारत-अर्मेनिया रिश्तों की समीक्षा की जाएगी। इसमें हिस्सा लेने के लिए अर्मेनिया के श्रम व समाजिक मामले के मंत्री नारेक मकर्चयान नई दिल्ली आये हैं। अर्मेनिया के विदेश मंत्री से भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात तीन दिन पहले ही म्यूनिख में हुई है।

सनद रहे कि अर्मेनिया और अजरबेजान के बीच काफी तनावपूर्ण स्थिति है। अजरबेजान को तुर्किये पूरी मदद देता है। जबकि भारत ने हाल के वर्षों में ही अर्मेनिया को सैन्य मदद देने की शुरुआत की है।

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