फाइजर से वैक्सीन आपूर्ति की बात आगे बढ़ी, कुछ हफ्तों में शुरू हो सकती है वैक्सीन की आपूर्ति

फाइजर ने संकेत दिया है कि मुताबिक भारत में उसकी वैक्सीन भी आ सकती है। फाइजर ने बुधवार को कहा कि वह टीकाकरण कार्यक्रम में इस्‍तेमाल किए जाने के लिए अपनी कोविड-19 वैक्सीन को उपलब्ध कराने की दिशा में भारत सरकार के संपर्क में है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 09:55 PM (IST)
फाइजर से वैक्सीन आपूर्ति की बात आगे बढ़ी, कुछ हफ्तों में शुरू हो सकती है वैक्सीन की आपूर्ति
फाइजर ने संकेत दिया है कि मुताबिक भारत में उसकी वैक्सीन भी आ सकती है।

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस का प्रभाव खत्म करने में कारगर माने जाने वाली अमेरिकी वैक्सीन की निर्माता कंपनी फाइजर और भारत सरकार के बीच वैक्सीन निर्माण को लेकर हो रही बात काफी आगे बढ़ गई है। माना जा रहा है कि वैक्सीन से किसी भावी खतरे या नुकसान की भरपाई से फाइजर को सशर्त राहत देने को भारत तैयार है। मौटे तौर पर फाइजर को यह कानूनी सुरक्षा मिलेगी कि भारत में उसकी वैक्सीन से कोई विपरीत परिणाम होने पर हर्जाना नहीं देना पड़ेगा। 

अगर दोनों पक्षों की ओर से इस पर मुहर लग जाती है तो कुछ हफ्तों में अमेरिकी कंपनी से वैक्सीन की आपूर्ति शुरू हो सकती है। फाइजर भारत को अगले कुछ माह में पांच करोड़ वैक्सीन दे सकती है। सब कुछ ठीक रहने पर भारत अमेरिका की दूसरी वैक्सीन कंपनी माडर्ना और बाद में कुछ दूसरी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भी यह राहत दे सकता है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर हाल में अमेरिका की पांच दिवसीय यात्रा पर गए थे जहां उनकी वहां की वैक्सीन निर्माता कंपनियों से बात हुई थी। फाइजर और माडर्ना ने उन्हें बताया कि आपूर्ति के भारी दबाव के बावजूद वे भारत के लिए कुछ करोड़ वैक्सीन निकाल सकते हैं। लेकिन दोनों कंपनियों की मांग थी कि वे भारत में किसी हर्जाना विवाद में नहीं फंसना चाहतीं। दोनों हर्जाने से जुड़ी शर्तों से पूरी तरह राहत चाहती हैं। अमेरिका में उन्हें यह राहत हासिल है। 

फाइजर के प्रवक्ता ने भारतीय मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि उनकी भारत सरकार से लगातार बात हो रही है ताकि उनके टीकाकरण कार्यक्रम में फाइजर की वैक्सीन का इस्तेमाल हो सके।

सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी कंपनियां कानूनी दांवपेच से पूरी तरह अलग रहने की गारंटी चाहती हैं। जबकि भारत में अभी घरेलू वैक्सीन कंपनियों को भी यह छूट नहीं है। ऐसे में अमेरिकी कंपनियों को यह प्रस्ताव दिया गया है कि उन्हें सिर्फ किसी गंभीर स्थिति में ही हर्जाने की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। मतलब वैक्सीन की वजह से बेहद गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा होने या मौत की स्थिति में हर्जाने का विकल्प रहेगा, लेकिन सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं होने पर अमेरिकी कंपनियों को हर्जाने से सुरक्षा रहेगी।

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