अमूल्या का मामला एनआइए को सौंपने के लिए हाई कोर्ट में याचिका, पाक के समर्थन में लगाए थे नारे
ऑल इंडिया मजलिस-ए-एत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में लगाए गए नारे के लिए अमूल्या के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।
बेंगलुरु, एएनआइ। पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली छात्रा अमूल्या लेओन का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को स्थानांतरित करने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कराई गई है। फ्रीडम पार्क में सीएए विरोधी रैली में 20 फरवरी को अमूल्या ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे।
वकील विशाल रघु द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि जांच टीम ने समय पर आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है। इसके अलावा राज्य सरकार को अमूल्या को मिली जमानत के खिलाफ उच्च अदालत से संपर्क करने का सुझाव दिया गया है। बेंगलुरु कोर्ट से 11 जून को उसे सशर्त जमानत मिल चुकी है।
एआइएमआइएम की रैली में लगाई थे नारे
बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-एत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में लगाए गए नारे के लिए अमूल्या के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान उसके वकील ने कहा कि याची अभी 19 वर्ष की है और बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। उसने पाकिस्तान जिंदाबाद कहा था, लेकिन उसने कभी पाकिस्तान को अपना देश नहीं कहा है।
मंच से ही अमूल्या को लिया गया था हिरासत में
गौरतलब है कि बीते 20 फरवरी को अमूल्या ओवैसी की नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित रैली में भाषण देने मंच पर आई थीं लेकिन शुरुआत में ही उसने कथित तौर पर तीन बार पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। नारेबाजी के दौरान ओवैसी मंच पर ही मौजूद थे। अमूल्या द्वारा की जा रही नारेबाजी पर वह मंच पर पहुंचे और उन्होंने अमूल्या को रोकने की कोशिश की। मंच से ही पुलिस ने अमूल्या को हिरासत में ले लिया था। अमूल्या के पिता ने भी इस मामले में कहा था कि उनकी बेटी ने एंटी सीएए रैली में जो किया वह गलत था।