पटना हाईकोर्ट ने खत्म की 1000 स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरी

पटना हाईकोर्ट ने हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति को अवैध ठहरा दिया है। कोर्ट के मुताबिक गलत तरीके से बहाल इन लोगों को नौकरी करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने बुधवार को इस बारे में फैसला सुनाया। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के ये सभी कर्मी 1

By Edited By: Publish:Thu, 25 Sep 2014 11:02 AM (IST) Updated:Thu, 25 Sep 2014 11:19 AM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने खत्म की 1000 स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरी

पटना। पटना हाईकोर्ट ने हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति को अवैध ठहरा दिया है। कोर्ट के मुताबिक गलत तरीके से बहाल इन लोगों को नौकरी करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने बुधवार को इस बारे में फैसला सुनाया। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के ये सभी कर्मी 1980 से 1990 के दौरान नियुक्त हुए थे। ये जिलों में सिविल सर्जन कार्यालयों में कार्यरत हैं।

मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोशित एवं न्यायाधीश बीपी वर्मा की खंडपीठ ने एक साथ सौ से भी ज्यादा अपील (एलपीए) पर सुनवाई पूरी कर यह फैसला सुनाया। राज्य सरकार की ओर से एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी थी। अपीलीय न्यायालय ने 18 दिसंबर 2012 को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसे बुधवार को निष्पादित कर दिया।

राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता डीके सिन्हा ने बताया कि अदालत ने सभी कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध पाया। इस मामले में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई। पहले एकल पीठ ने इनकी नियुक्ति को वैध पाया था। एकल पीठ ने अवैध नियुक्ति और अनियमित नियुक्ति को अलग-अलग को कोटि में रखा था। कोर्ट ने अनियमित रूप से नियुक्त होने वालों को हटाने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी एकल पीठ में पक्ष में आदेश दिया था। बाद में जस्टिस उदय सिन्हा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई।

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