भारत के सख्त संदेश के बाद फलस्तीन की कार्रवाई, हाफिज समर्थक राजदूत की छुट्टी

पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद से मुलाकात पर फलस्तीन ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Fri, 29 Dec 2017 10:29 PM (IST) Updated:Sat, 30 Dec 2017 09:38 PM (IST)
भारत के सख्त संदेश के बाद फलस्तीन की कार्रवाई, हाफिज समर्थक राजदूत की छुट्टी
भारत के सख्त संदेश के बाद फलस्तीन की कार्रवाई, हाफिज समर्थक राजदूत की छुट्टी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पाकिस्तान में फिलिस्तीनी राजदूत के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड आतंकी सरगना हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने पर भारत के बेहद कड़े विरोध के मद्देनजर फिलिस्तीन ने अपने राजदूत को इस्लामाबाद से वापस बुलाने का फैसला किया है। इतना ही नहीं फिलिस्तीन ने अपने राजदूत के कृत्य पर गंभीर खेद का इजहार करते हुए कहा है कि भारत के साथ उसके मैत्रीपूर्ण रिश्ते बेहद अहम हैं।

भारत ने फिलिस्तीन से अपना कड़ा एतराज जाहिर करते हुए साफ कहा था कि उसके राजदूत का आतंकियों के साथ मंच साझा करने जैसा कृत्य बिल्कुल अस्वीकार्य है। आतंक के खिलाफ किसी सूरत में समझौता नहीं करने के भारत के इस रुख को भांपते हुए ही फिलिस्तीन ने तत्काल अपने राजदूत को हटाने का ऐलान भी कर दिया।

भारत के राजनयिक विरोध के बाद इस्लामाबाद से अपने राजदूत वलीद अबु अली को वापस बुलाने का फिलिस्तीन का कदम पाकिस्तान के लिए भी एक झटका है। फिलिस्तीन के इस फैसले से जमात उद दावा के आतंकी सरगना हाफिज सईद को राजनीतिक आधार देने की पाकिस्तानी कोशिशों को आघात लगा है। राजनयिक तौर पर हाफिज के साथ वलीद की तस्वीर आने के बाद शुक्रवार को ही भारत ने फिलिस्तीन से इस पर अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया था। मगर शनिवार को आधिकारिक रूप से नई दिल्ली में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबु अल हाइजा को विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव विजय गोखले ने बुलाकर भारत का सख्त राजनयिक एतराज जता दिया। साथ रामल्ला में फिलिस्तीनी विदेश मंत्री के साथ भारतीय प्रतिनिधि ने उसके राजदूत के कृत्य पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने इसके बाद एक बयान जारी कर इस मामले पर भारत की गंभीरता का साफ संदेश भी दे दिया। बयान में कहा गया कि भारत ने नई दिल्ली स्थित फिलिस्तीनी प्रतिनिधि के साथ रामल्ला में उनके विदेश मंत्री को स्पष्ट कर दिया कि आतंकी के साथ राजदूत का मंच साझा करना हमें कतई स्वीकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत के इस एतराज पर फिलिस्तीन सरकार ने अपने राजदूत के कृत्य पर गंभीर खेद का इजहार किया। साथ ही यह भी कहा है कि वह राजदूत के खिलाफ उचित कार्रवाई का कदम उठा रहे हैं।

भारत के साथ रिश्तों पर इस घटना का असर थामने के लिए फिलिस्तीन ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में वह भारत के साथ है और आतंकी हरकतों में शामिल लोगों के साथ उसका कोई जुड़ाव नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के एतराज और फिलीस्तीन के खेद जताने संबंधी बयान के कुछ देर बाद ही इसलामाबाद से राजदूत को वापस बुलाने का फिलिस्तीनी सरकार ने फैसला कर लिया। भारत की आहत भावनाओं पर मरहम लगाने के लिए राजदूत को इसलामाबाद से हटाने के फैसले की जानकारी भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबु अल हाइजा ने दी।

गौरतलब है कि वलीद ने रावलपिंडी में शुक्रवार को हाफिज सईद के अलावा कट्टर आतंकी तत्वों के साथ मंच साझा किया था। अभी चंद दिनों पहले ही इजरायल के साथ मधुर संबंधों के बावजूद दशकों की पुरानी दोस्ती के चलते भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन के समर्थन में वोट दिया था। यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रुप में मान्यता देने के अमेरिकी सरकार के फैसले के खिलाफ यह संयुक्त राष्ट्र में यह वोटिंग हुई थी। भारत ने इजरायल के खिलाफ फिलीस्तीन के पक्ष में यह वोटिंग तब की कि जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू इसी जनवरी महीने भारत दौरे पर आ रहे हैं।

हाफिज के साथ मंच साझा करने के राजदूत के कदम से रिश्तों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका के साथ भारत के तेवर को देखते हुए फिलिस्तीन ने चौबीस घंटे के अंदर अपने राजदूत को हटाने का फैसला कर लिया। खास बात यह है कि पीएम मोदी की भी नये साल के शुरुआती महीनों में ही फिलिस्तीन की यात्रा प्रस्तावित है। मोदी की इस यात्रा में कोई अड़चन न आए इस लिहाज से भी अपने राजदूत पर फिलिस्तीन ने फौरी कार्रवाई की है।

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