नजरबंदी से बौखलाया हाफिज सईद, कहा- इसके पीछे मोदी-ट्रंप का दबाव

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के एक दांव से ही पाकिस्‍तान चारों खाने चित होता दिखाई दे रहा है। आतंकी हाफिज सईद को नजरबंद करना इसका ही एक परिणाम है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 31 Jan 2017 07:33 AM (IST) Updated:Tue, 31 Jan 2017 02:28 PM (IST)
नजरबंदी से बौखलाया हाफिज सईद, कहा- इसके पीछे मोदी-ट्रंप का दबाव
नजरबंदी से बौखलाया हाफिज सईद, कहा- इसके पीछे मोदी-ट्रंप का दबाव

नई दिल्ली (जेएनएन)। अमेरिका में सात देशों के नागरिकों की एंट्री को अपने यहां बैन करने और इसमें भविष्य में पाकिस्तान का नाम शामिल करने का असर अब दिखाई देने लगा है। इसका सबसे पहला असर पाकिस्तान में सरकार की सुरक्षा के बीच आतंकी साजिश को अंजाम देने वाले जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को नजरबंद करने पर दिखाई दिया है। दरअसल पाकिस्तान को इस बात का डर सताने लगाने है कि कहीं व्हाइट हाउस द्वारा पाक नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात सच न हो जाए।

नजरबंदी से बौखलाया हाफिज

नजरबंदी के बाद हाफिज सईद का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने बाहरी दबाव में उसे गिरफ्तार किया है। इस वीडियो में हाफिज कह रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नई-नई दोस्ती हुई है और मोदी के इशारे पर अमेरिकी दबाव में हमें नजरबंद करके रखा गया है। हाफिज ने कहा कि उसकी अमेरिका से कोई दुश्मनी नहीं है, वो तो कश्मीर मसले को लेकर संघर्ष कर रहा है और आगे करता रहेगा। उसने कहा कि पाकिस्तान की जनता उसके साथ है और उसने कभी कोई हिंसक कदम नहीं उठाया है, केवल कश्मीर मसले को लेकर भारतीय दबाव में उसे नजरबंद किया गया है.

भारत की आवाज को मिलेगा बल

यदि ऐसा होता है तो न सिर्फ पाकिस्तान पूरी दुनिया में आतंकी मुल्क मान लिया जाएगा बल्कि इस बात की भी पुष्टि हो जाएगी कि जिस बात को भारत वर्षों से दुनिया के समक्ष कहता रहा है उसमें कुछ भी झूठ नहींं है। हाफिज की नजरबंदी के बाद अब मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध भी लगा सकती है। यह कहीं न कहीं भारत के विश्वास की भी जीत है।

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आतंकवाद निरोधक कानून के तहत हुई है गिरफ्तारी

हाफिज सईद की गिरफ्तारी कल शाम को हुई। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार के मुताबिक हाफिज सईद को जमात-उद-दावा के हैडक्वार्टर पर हाफिज की गिरफ्तारी के बाद भारी मात्रा में पुलिस बल को तैनात किया गया है। हजाम के सूचना सचिव ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि पुलिस के पास हाफिज और पांच अन्यों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट था। हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधक कानून,के1977 की धारा 11-EEE(1) के तहत गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी पाकिस्तान के आतंरिक मंत्रालय ने दी है। इतना ही नहीं जमात-उद-दावा के लाहौर स्थित हैडक्वार्टर पर उसका झंडा हटाकर पाकिस्तान का झंडा लगा दिया गया है। वहीं लाहौर की सड़कों से जमात-उद-दावा के सभी पोस्टरों को भी हटाया जा रहा है।

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज सईद

गौरतलब है कि हाफिज सईद वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड भी है। इसको लेकर भारत कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आवाज उठाता रहा है। लेकिन इसका बहुत ज्यादा फायदा भारत को नहीं मिला है। इतना ही नहीं हाफिज सईद को लेकर भारत ने यूएन में भी आवाज उठाई थी और उसको वैश्विक आतंकी घोषित करने की मुहिम चलाई थी, लेकिन चीन की वजह से भारत को वहां पर नाकामी हाथ लगी थी। लेकिन अब अमेरिका के एक दांव के साथ ही पाकिस्तान इस मुद्दे पर चित होता दिखाई दे रहा है। माना जा रहा है कि ट्रंप ने अपने एक दांव से पाकिस्तान पर शह और मात का खेल खेल लिया है।

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अमेरिका ने रखा था इनाम

जमात-उद-दावा के सूचना सचिव नदीम अवान ने भी इस बात को माना है कि पाकिस्तान ने हाफिज के खिलाफ कार्रवाई अमेरिका के दबाव के बाद ही की है। वर्ष 2012 में अमेरिका ने हाफिज सईद के सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था।

आतंक पर नकेल

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह साफ कर दिया था कि वह आतंकतवाद को किसी भी सूरत से बर्दाश्त नहीं करेंगे। अपने प्रचार के दौरान अमेरिका फर्स्ट, अमेरिकन फर्स्ट का नारा उन्होंने दिया था। इस पर ही वह अब अमल कर रहे हैं। अपने शुरुआती फैसलों में ही उन्होंनें प्रवासियों पर कुछ समय के लिए रोक लगाना और सात देशों के नागरिकों पर आमेरिका में घुसने पर पर प्रतिबंध इसका ही एक हिस्सा है।

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