पाकिस्तानी मीडिया ने चीन पर दिखाया भरोसा, कहा- मदद करेगा मित्र देश
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात को लेकर पाक मीडिया ने यह उम्मीद जताई है कि विषम परिस्थिति में 'सबसे करीबी मित्र देश' चीन की उसे मदद मिलेगी।
नई दिल्ली [जेएनएन]। लगता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु जल संधि की समीक्षा कर सही में पाकिस्तान की दुखती रग छू दी है। वहां मीडिया यह उम्मीद कर रहा है कि इस विषम परिस्थिति में 'सबसे करीबी मित्र देश' चीन की उसे मदद मिलेगी।
पाकिस्तान के सभी अखबार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस संधि से पलटना भारत के लिए संभव ही नहीं है। 'द नेशन' का कहना है कि यह ध्यान रखना चाहिए कि सिंधु नदी तिब्बत के पश्चिमी हिस्से से निकलती है। ब्रह्मपुत्र नदी भी चीन से निकलती है और भारत और बांग्लादेश- दोनों देशों के लिए यह नदी जीवनरेखा की तरह है। इसलिए ऐसा-वैसा कुछ होने पर चीन पाकिस्तान की मदद में सामने आएगा। वैसे, अखबार यह भी मानता है कि सीधे युद्ध छेड़ने की जगह भारत इस प्रकार के उपाय कर रहा है जो आर्थिक तौर पर पाकिस्तान को परेशान करें।
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'पाकिस्तान ऑब्जर्वर' ने अधिकारियों के हवाले से यह बताने की कोशिश की है कि इस तरह के समझौते के कार्यान्वयन में किसी तरह के बदलाव पर विश्व समुदाय भारत पर ही दबाव डालेगा। उसने यह भी कहा है कि विश्व बैंक के अधिकारियों को ताजा स्थिति के बारे में बताने के साथ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अमेरिका में एक कानूनी फर्म के साथ बातचीत भी शुरू कर दी गई है। इसमें ये तथ्य भी सामने रखे जाएंगे कि पाकिस्तान की तरफ जा रही किशनगंगा और चिनाब नदियों पर बन रही भारत की जलविद्युत परियोजनाएं की डिजाइन कैसे दोषपूर्ण हैं और इससे पाकिस्तान को कैसे घाटा होगा।
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'डॉन' ने भी पाकिस्तान की तरफ जा रही नदियों पर विभिन्न परियोजनाओं में तेजी लाने के भारत के फैसले पर चिंता जताई है। उसका भी मानना है कि यह निर्णय पाकिस्तान के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।