नावेद ने दिया पाकिस्तानी दोस्त का नंबर

ऊधमपुर हमले में जिंदा पकड़े गए लश्कर के आतंकी नावेद ने बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान अपने पाकिस्तानी दोस्त अली का नंबर जज को बताया। नावेद ने बताया कि उसका दोस्त सलीमी चौक छोटी उनासी, जिला फैसलाबाद का रहने वाला है और पेशेवर जुआरी है। बुधवार को नावेद व

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2015 06:57 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2015 07:20 AM (IST)
नावेद ने दिया पाकिस्तानी दोस्त का नंबर

जम्मू, [अवधेश चौहान]। ऊधमपुर हमले में जिंदा पकड़े गए लश्कर के आतंकी नावेद ने बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान अपने पाकिस्तानी दोस्त अली का नंबर जज को बताया। नावेद ने बताया कि उसका दोस्त सलीमी चौक छोटी उनासी, जिला फैसलाबाद का रहने वाला है और पेशेवर जुआरी है।

बुधवार को नावेद व उसके साथी शौकत व खुर्शीद की एनआइए के विशेष जज वाइपी कोतवाल के सामने पेशी हुई। इस दौरान जज ने नावेद से सवाल किया कि क्या तुम्हारे दिए गए नंबर पर पाकिस्तान में बात हुई। इस पर नावेद ने जवाब दिया साहब नंबर नहीं मिलता। जज ने कहा क्या तुम्हें कोई और नंबर याद है, तो उसने सिर हिलाकर कहा हां। इसपर जज ने नावेद को वह नंबर एनआइए को देने को कहा और उसकी बात करवाने का भी निर्देश दिया। नावेद ने अपने दोस्त अली का नंबर 03137367131 नोट करवाया। फोन मिलाने पर वह नंबर बंद आया।

शौकत की घरवालों से करवाई बात

जज ने नावेद के साथी खुर्शीद और शौकत से भी सवाल किया कि क्या उनकी बात उनके घरवालों से हुई है। इसपर खुर्शीद ने हां कहा, लेकिन शौकत ने कहा कि मेरी बात नहीं हो पाई है। इस पर अदालत ने एनआइए को मौके पर ही निर्देश दिए कि वह इसकी पुलवामा (कश्मीर) में बात करवाए। बात हो जाने पर शौकत को दोबारा जज के सामने लाया गया और उसने जज को बताया कि उसकी बात घरवालों से हो गई है। नावेद ने जज के सामने रात को नींद न आने की बात भी कही थी। नावेद को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जेहाद के प्रति उसका मोह भंग हो चुका है।

नावेद को खुली बैरक में भी रखने के निर्देश

नावेद ने अदालत से कहा कि उसे एक सेल में रखा गया है और उसे खुले में नहीं रखा जाता। इस पर अदालत ने कोट भलवाल जेल के सुपङ्क्षरटेंडेंट को निर्देश दिए कि वह आरोपियों को खुली बैरक में भी रखें, क्योंकि ये अंडर ट्रायल कैदी हैं।

पेशेवर जुआरी रह चुका है नावेद

नावेद पेशेवर जुआरी रह चुका है और इस जुए के कारण ही वह लश्कर-ए-तैयबा आतंकी गुट में शामिल हुआ था। एनआइए की पूछताछ में नावेद ने यह कबूल किया है कि वह फैसलाबाद का रहने वाला है और वह आतंकी बनने से पहले जुए की लत में पड़ गया था। अपने घर की संपत्ति को उसने दांव पर लगाया था और जुए में सबकुछ गंवा देने पर वह घर नहीं लौटा और उसने जेहाद में शामिल होने पर अच्छा खासा पैसा मिलने के लालच में लश्कर में शामिल हो गया।

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