सीमा विवाद पर चीन के राजदूत ने कहा, कहीं ऐसा न हो दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़े, दिए तीन सुझाव

चीन के राजदूत सन विडोंग ने कहा है कि सीमा का सवाल इतिहास में छोड़ा गया यह एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 04:30 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 06:27 PM (IST)
सीमा विवाद पर चीन के राजदूत ने कहा, कहीं ऐसा न हो दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़े, दिए तीन सुझाव
सीमा विवाद पर चीन के राजदूत ने कहा, कहीं ऐसा न हो दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़े, दिए तीन सुझाव

नई दिल्‍ली, एएनआइ। सीमा विवाद पर भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने कहा है कि भारत और चीन को आपसी सहयोग के ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिनसे दोनों का फायदा हो, न कि ऐसे काम करें जिनसे दोनों को नुकसान भुगतना पड़े। विडोंग ने एक बयान जारी कर सीमा विवाद को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए ऐसा समाधान ढूंढना चाहिए, जो दोनों पक्षों को स्वीकार हो। चीनी राजदूत ने कहा कि अतीत से चला आ रहा सीमा विवाद एक संवेदनशील और पेचीदा मुद्दा है। हमें एक दूसरे से परामर्श कर और शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए उचित व तार्किक समाधान खोजने की आवश्यकता है, जो दोनों पक्षों को स्वीकार हो।

चीनी राजदूत ने दिए तीन सूत्र

विडोंग ने अपने बयान के जरिए भारत-चीन के बीच बेहतर संबंधों को बनाए रखने के लिए तीन सुझाव दिए। पहला- भारत और चीन को पार्टनर होना चाहिए, ना कि प्रतिस्पर्धी। दूसरा- भारत और चीन को शांति बनाए रखना चाहिए, न कि संघर्ष और तीसरा- भारत और चीन को पारस्परिक हित के कदम उठाने चाहिए, न कि दोनों को नुकसान पहुंचाने वाले। 

उन्होंने कहा कि वह ऐसी परिस्थिति थी जिसे न भारत देखना चाहेगा, न ही चीन। कमांडर लेवल की बातचीत में हुए समझौते के आधार पर अब हमारी सेनाएं पीछे हट चुकी हैं।

 

Chinese Ambassador to India Sun Weidong issues statement over India-China border issue. "The boundary question left over by history, is sensitive and complicated. We need to find a fair & reasonable solution mutually acceptable through equal consultation & peaceful negotiation." pic.twitter.com/WPti3oTVLi — ANI (@ANI) July 10, 2020

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अगुवाई में सीमा विवाद सुलझाने के लिए हुई बातचीत के बाद भारत और चीन की सीमाएं दो-दो किलोमीटर पीछे हटी हैं। चीनी सेना लद्दाख की गलवान घाटी के बाद अब पैंगॉन्ग त्सो के फिंगर-4 से पीछे हट गई है। ज्ञात रहे कि सबसे पहले 5-6 मई को दोनों देशों की सेनाएं फिंगर-4 पर ही सामने आई थी। शुक्रवार को चीनी सेना फिंगर-4 से अपने बोट, गाड़ियां और बुलडोजर को हटा कर पीछे चली गई है। 

बृहस्‍पतिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव ने कहा था कि 5 जुलाई, 2020 को अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अगुवाई में सीमा विवाद सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत में दोनो पक्षों में यह सहमति बनी थी कि द्विपक्षीय रिश्तों को समग्र तौर पर सुधार करने के लिए सीमा पर शांति आवश्यक है। इस संदर्भ में दोनों ने यह सहमति जताई थी कि जिस क्षेत्र में अभी तनाव है, वहां द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर सैनिकों की पूरी तरह से वापसी होनी चाहिए।

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