अब पर्यटन से जुड़ेंगे गांव और ग्रामीण, स्थानीय कामगारों को दिया जाएगा प्रशिक्षण और करेंगे गाइड का काम

मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक राज्यों से मिलने वाले इन नए दर्शनीय स्थलों का ब्योरा जल्द मंत्रालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। कोरोना संकट के बाद यह देखने में आया है कि पर्यटक आसपास की जगहों पर ही जाना पसंद कर रहे हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 07:45 PM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 07:45 PM (IST)
अब पर्यटन से जुड़ेंगे गांव और ग्रामीण, स्थानीय कामगारों को दिया जाएगा प्रशिक्षण और करेंगे गाइड का काम
पर्यटन मंत्रालय ने प्रत्येक जिले के पर्यटन स्थलों को चिह्नित करने का शुरू किया काम

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर छिड़ी मुहिम में अब गांव और ग्रामीण भी जुड़ेंगे। प्रत्येक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद छोटे-छोटे दर्शनीय स्थलों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। जल्द राज्यों के साथ मिलकर इन्हें विकसित करने का पूरा रोडमैप तैयार किया जाएगा। इस कवायद का मकसद इन क्षेत्रों के विकास के साथ पर्यटन गतिविधियों के जरिए आसपास के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना है।

राज्यों से ब्योरा लेकर पर्यटन मंत्रालय ने शुरू किया काम

पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों के दर्शनीय स्थलों को विकसित करने की इस मुहिम को राज्यों का भी पूरा साथ मिल रहा है। यही वजह है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम सहित दर्जनभर राज्यों से अब तक करीब 200 दर्शनीय स्थलों का ब्योरा लेकर पर्यटन मंत्रालय ने काम भी शुरू कर दिया है। स्थानीय प्रशासन की मदद से आस- पास के ग्रामीणों से भी संपर्क साधा जा रहा है। इसके तहत वहां के शिक्षित बेरोजगारों और स्थानीय परिवहन से जुड़े लोगों समेत दुकानदारों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत उन्हें पर्यटकों से बातचीत, व्यवहार और उन्हें इस स्थलों के बारे पूरी जानकारी से अवगत कराना होगा। इस दौरान पर्यटन उद्योग से जुड़ने को इच्छुक युवाओं को प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन सभी को मंत्रालय अपनी ओर से प्रमाणपत्र भी देगा।

कोरोना संकट के बाद पर्यटक आसपास की जगहों पर ही जाना कर रहे हैं पसंद

मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक राज्यों से मिलने वाले इन नए दर्शनीय स्थलों का ब्योरा जल्द मंत्रालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। कोरोना संकट के बाद यह देखने में आया है कि पर्यटक आसपास की जगहों पर ही जाना पसंद कर रहे हैं। दूसरी तरफ, शहरी पर्यटकों का रुझान ग्रामीण इलाकों की तरफ बढ़ा है। इस दौरान स्थानीय कला-संस्कृति से भी पर्यटकों को रूबरू कराया जाएगा।

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