अब ट्रेन में ही दर्ज करा सकेंगे एफआइआर

ट्रेनों में सुरक्षा की जिम्मेदारी में जीआरपी और आरपीएफ की भूमिका पर बृहस्पतिवार को राज्यों के पुलिस प्रमुखों के साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु व गृह मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा करेंगे। इरादा रेल सुरक्षा को राज्यों के साथ मिलकर फूलप्रूफ बनाने का है, ताकि यात्रियों में सुरक्षित यात्रा का भरोसा

By Sachin kEdited By: Publish:Thu, 15 Jan 2015 06:03 AM (IST) Updated:Thu, 15 Jan 2015 06:10 AM (IST)
अब ट्रेन में ही दर्ज करा सकेंगे एफआइआर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रेनों में सुरक्षा की जिम्मेदारी में जीआरपी और आरपीएफ की भूमिका पर बृहस्पतिवार को राज्यों के पुलिस प्रमुखों के साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु व गृह मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा करेंगे। इरादा रेल सुरक्षा को राज्यों के साथ मिलकर फूलप्रूफ बनाने का है, ताकि यात्रियों में सुरक्षित यात्रा का भरोसा पैदा हो सके। इसके लिए रेलवे एक्ट व आरपीएफ एक्ट में संशोधन भी किया जा सकता है।अभी रेल यात्रियों को अपनी शिकायत या एफआइआर दर्ज कराने के लिए यात्रा बीच में छोड़कर जीआरपी थाने में जाना पड़ता है।

कई मर्तबा जीआरपी वाले घटना को पिछले स्टेशन का बताकर एफआइआर दर्ज करने से इंकार कर देते हैं। इससे यात्रियों में शिकायत करने का उत्साह ही समाप्त हो जाता है। ट्रेनों में होने वाले छोटे-मोटे अपराधों की ज्यादातर शिकायतें इसी कारण दर्ज नहीं हो पातीं। रेल मंत्री ने इस समस्या का निदान निकाल लिया है। उन्होंने आरपीएफ व रेल कर्मियों को ट्रेन में ही यात्रियों की शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए आरपीएफ, ट्रेन एस्कार्ट पार्टी, आरपीएफ चौकियों/बूथों, कंडक्टर, टीटीई, कोच अटेंडेंट, गार्ड, ट्रेन सुप्रिंटेंडेंट, स्टेशन मास्टर, स्टेशन अधीक्षक (वाणिज्य) के पास द्विभाषी एफआइआर फार्म उपलब्ध कराने को कहा गया है।

ट्रेन में मौजूद आरपीएफ की टीमें पीडि़त यात्रियों से एफआइआर/शिकायत फार्म भरवा कर नजदीकी आरपीएफ चौकी या बूथ के माध्यम से संबंधित जीआरपी के सुपुर्द कर देंगी। जीआरपी प्रभारी मामला पंजीकृत होने पर पीडि़त यात्री को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर इसकी सूचना देगा। जिन गाडि़यों में आरपीएफ की टीम नहीं है या संबंधित कोच पर किसी कारणवश नहीं पहंुच पाती है, तो उस स्थिति में ट्रेन स्टाफ टीटीई, कोच अटेंडेंट, ट्रेन सुप्रिंटेंडेंट यात्री से एफआइआर/शिकायत फार्म भरवाएंगे और अगले स्टेशन पर आरपीएफ चौकी के सुपुर्द कर उसकी रसीद लेकर यात्री को सौपेंगे।

दूसरी ओर आरपीएफ इंचार्ज भरा हुआ एफआइआर फार्म जीआरपी थाने में जमा कराएंगे।रेलवे सुरक्षा को लेकर पिछले दिनों रेल मंत्री ने कहा था कि आरपीएफ का एक जवान भी यदि कोई गलती करता है तो उससे पूरे बल की छवि पर दाग लगता है। इसलिए आरपीएफ के हर व्यक्ति को अपनी ड्यूटी पूरी लगन और निष्ठा के साथ निभानी चाहिए और आम रेल यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने आरपीएफ महानिदेशक से जवानों को व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण दिलाने को भी कहा है। बेहतर व्यवहार के लिए हर महीने आरपीएफ के एक जवान को पुरस्कृत भी किया जाएगा। प्रभु की सुरक्षा संबंधी योजनाओं को गृह मंत्री राजनाथ सिंह का पूरा समर्थन हासिल है।

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