अब भारत में भी शुरू होगी राष्ट्रीय अंग दान रजिस्ट्री

मृत्यु उपरांत अंग दान की इच्छा कहीं उसके साथ ही दफन न हो जाए, इसलिए इसका एलान अब जल्दी ही लोग सार्वजनिक तौर पर भी कर सकेंगे। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा 'राष्ट्रीय अंग और ऊत्तक दान रजिस्ट्री' (नोटर) की शुरुआत करने वाले हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2015 08:31 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2015 08:44 PM (IST)
अब भारत में भी शुरू होगी राष्ट्रीय अंग दान रजिस्ट्री

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मृत्यु उपरांत अंग दान की इच्छा कहीं उसके साथ ही दफन न हो जाए, इसलिए इसका एलान अब जल्दी ही लोग सार्वजनिक तौर पर भी कर सकेंगे। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा 'राष्ट्रीय अंग और ऊत्तक दान रजिस्ट्री' (नोटर) की शुरुआत करने वाले हैं। इसके जरिए ना सिर्फ लोग अपने इरादे का एलान कर सकेंगे, बल्कि उनके इस महादान को सुपात्र तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में अंग दान की जरूरत को देखते हुए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शुक्रवार को छठा 'भारतीय अंगदान दिवस' भी है। इस मौके पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर उन लोगों का आंकड़ा उपलब्ध हो सकेगा, जो अंगदान के लिए इच्छा जताएंगे। इसमें विभिन्न अंग प्रत्यारोपण की सुविधा के बारे में भी सारी सूचनाएं एक जगह उपलब्ध हो सकेंगी। इससे पहले अंग प्रत्यारोपण और बचाव करने वाले विभिन्न केंद्रों को आपस में जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने 'राष्ट्रीय अंग और ऊत्तक दान संगठन' (नोटो) का काम शुरू कर दिया था।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक खास कर मृत्य उपरांत (कैडेवर) अंग दाताओं के लिए ऑनलाइन व्यवस्था होनी बेहद जरूरी है। किसी भी हादसे के दौरान अगर व्यक्ति की इच्छा का तुरंत पता चल जाए तो यह न सिर्फ प्रत्यारोपण के लिए अंग की उपलब्धता के लिहाज से अनुकूल स्थिति होगी, बल्कि संबंधित व्यक्ति की इच्छा पूरी करने में भी मददगार होगी। हालांकि इसके बावजूद उस व्यक्ति के परिवार से इजाजत लेने सहित सभी जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी जरूरी होगी। लेकिन ऐसे मामलों में परिवार से संपर्क करने से ले कर सभी उपायों को अपनाने में जल्दी लाई जा सकेगी, जो बेहद जरूरी है। यह प्रयास दूसरे लोगों को भी अंग दान के लिए प्रेरित करेगा।

भारत में इस समय अंगदान करने वालों का औसत बहुत कम है। दुनिया भर में इस तरह के आंकड़ों पर नजर रखने वाले संगठन 'ग्लोबल आब्जर्वेटरी आन डोनेशन एंड ट्रांसप्लांटेश' के मुताबिक इस मामले में सबसे आगे स्पेन है। यहां औसतन दस लाख की आबादी पर 35 लोग अंगदान करते हैं। जबकि भारत में यह औसत 0.32 भर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने कार्यक्रम मन की बात में लोगों से अंग दान के लिए आगे आने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इसे उत्सव का रूप दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने याद दिलाया था कि हर साल एक लाख आंखों की जरूरत होती है, हम सिर्फ 25 हजार तक पहुंच पाते हैं।

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